भभुआ. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भभुआ में आयोजित जदयू कार्यकर्ता सम्मेलन में भाजपा पर हमलावर होते दिखें. उन्होंने कहा कि देश में आरक्षण को समाप्त करने की बड़ी साजिश चल रही है. नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा के आरक्षण को समाप्त कर एक पत्थर फेंका गया है. अगर आप उसके बाद भी नहीं जगे तो फिर पिछड़ों का 27 प्रतिशत आरक्षण भी केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार समाप्त कर देगी. आरक्षण को समाप्त करने के लिए भाजपा पिछले दरवाजे से लगातार साजिश कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़ा होने का हवाला दे पिछड़ों का वोट ले लेते हैं लेकिन आरएसएस के इशारे पर लगातार आरक्षण को समाप्त करने के साजिश में लगे हुए हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अंदर ही अंदर आरक्षण को समाप्त करने की बड़ी साजिश चल रही है. भारत सरकार के संस्था यूजीसी ग्रांट कमीशन कॉलेजों में प्रोफेसर एवं शिक्षकों की बहाली के लिए नीति बनाता है. हाल ही में एक ऐसा नियम बनाया गया है जिससे आरक्षण प्राप्त करने वाले लोगों की हकमारी होगी. यूजीसी ने कॉलेजों में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के नाम से शिक्षक बहाल करने का निर्णय लिया है. जो कॉलेज में रिक्त सीटों का 10 प्रतिशत बहाल होंगे. इनके लिए कोई भी शैक्षणिक योग्यता जैसे एमए, पीएचडी या नेट की आवश्यकता नहीं है. इन्हें सीधे एक कमेटी बनाकर चयनित किया जायेगा. इससे समझा जा सकता है कि उस पद पर कमेटी के माध्यम से चयनित होनेवाले लोग कोई गरीब अति पिछड़ा या दलित नहीं होगा बल्कि बड़े बड़े लोग आरक्षण वाले लोगों की हकमारी कर चोर दरवाजे से शिक्षक बनेंगे.
कुशवाहा ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने 2005 में महिला आरक्षण, 2006 में अति पिछड़ा आरक्षण पंचायत व नगर निकाय चुनाव में लागू किया था. कोर्ट का फैसला 2019-20 में आया है. तो ऐसे में आरक्षण के पुराने निर्णय पर यह आदेश कैसे लागू हो सकता है. इस आदेश के खिलाफ हमारी सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है. नीतीश कुमार ने ही महिला, पिछड़ा व अति पिछड़ा को आरक्षण दिया और आज इन्हीं पर भाजपा के लोग आरक्षण समाप्त करने का आरोप लगा रहे हैं. भाजपा के लोग आरक्षण विरोधी हैं. वोट लेने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़ों का वोट लेने के लिए सिर्फ अपने को पिछड़ा बता ठगते हैं. बाकी काम हमेशा आरक्षण को समाप्त करने के लिए ही करते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वर्ष 2020 का चुनाव तमाम पार्टियों के लिये सबक है. जब मात्र 34 प्रतिशत वोट लेकर ये मालिक बन गये. जबकि अन्य पार्टियों को 66 प्रतिशत वोट मिला था. आज हमारे नेता नीतीश कुमार मिशन 2024 पर काम कर रहे हैं. जिसका एक मात्र उद्देश्य साजिश करने वालों के खिलाफ सब को एकजुट करना है. बिहार के लोग चाह जायेंगे तो केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं बनेगी. केंद्र में भाजपा पूर्ण बहुमत से महज 31 सीट ज्यादा है. 272 सीटों पर पूर्ण बहुमत है और भाजपा के पास 303 सीटें हैं. बिहार में लोकसभा के 40 सीटें है. अगर बिहार की जनता चाह जाये और 40 सीटें नीतीश कुमार के झोली में डाल दें तो केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार 2024 में नहीं बनेगी.
कुशवाहा ने कोलेजियम सिस्टम पर बोलते हुए कहा कि यह किसी जाति पाती का नहीं बल्कि गरीबों का हक मारा जा रहा है. एक कमेटी बनाकर हाइकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के जज का चयन किया जाता है जोकि पूरी तरह से गरीबों का हकमारी की जा रही है. इस सिस्टम को समाप्त किया जाना चाहिए. जिस तरह से आइएएस, आइपीएस का चयन प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से होता है उसी तरह से हाइकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के जजों का भी चयन होना चाहिए.
राजद नेता व पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा वर्तमान सरकार में मंत्रियों की स्थिति चपरासी के बराबर बताये जाने के बयान पर जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जो जैसा एहसास करता है वैसा बताता है. कोई मंत्री रहकर अपने आप को हर काम करने के लायक समझेगा तो वह अपने आप को सक्षम बतायेगा और जिस तरह का एहसास होता है उसी तरह की बात करता है. जहां तक प्रधानमंत्री बनने की बेचैनी के दिये गये बयान की बात है तो यह मामला अलग पार्टी का है इसे उनकी पार्टी के नेता देखेंगे. उन्होंने कहा कि राजद के तरफ से पत्र जारी कर स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी गंभीर विषय पर एकमात्र तेजस्वी ही कोई बयान देंगे. फिर कैसे कोई और व्यक्ति बोल रहा है इस पर उनकी पार्टी व तेजस्वी देखेंगे कि उन्हें क्या करना है.