बिहार सरकार में मंत्री नहीं बनाये जाने से जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नाराज नहीं हैं. उन्होंने अपने नाराजगी की बातों का खंडन करते हुए कहा की वे पार्टी गठन के लिए काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा है कि उनके लिए पद नहीं, मिशन और आइडियोलॉजी बड़ी है. बिहार से बाहर होने के कारण उनके बारे में अनेक तरह की भ्रामक और अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गईं और की जा रही हैं.
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा की आज की तारीख में पार्टी संगठन के लिए काम करना उनके लिए सबसे बड़ा धर्म है. ऐसे में उनका पक्ष जाने बिना मंत्री नहीं बनने पर नाराज होने की बात का उन्होंने खंडन किया है. उन्होंने कहा है कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराजगी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरूर मारी है. आइडियोलॉजी को बर्बाद करने की हो रही साजिश को नाकाम करने के एक खास मिशन से उन्होंने अपनी पार्टी का विलय जदयू में करने का फैसला लिया.
उपेन्द्र कुशवाहा ने आगे कहा कि उनके सभी साथियों का निष्कर्ष था और है कि राज्य ही नहीं पूरे देश के स्तर पर नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे कर्मठ, अनुभवी व साफ छवि के नेता हैं जिनके नेतृत्व में इस विचार धारा को बचाया व बढ़ाया जा सकता है.
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि आज की तारीख में पार्टी संगठन के लिए काम करना हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म है. ऐसे में मेरा पक्ष जाने बिना मंत्री नहीं बनने पर नाराज़ होने की बात करने वाले महानुभावों मुझ पर थोड़ी कृपा करें. उन्होंने दिल्ली जाने का कारण पारिवारिक यात्रा को बताया.
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बता दें की बीते दिनों बिहार के सियासी गलियारों ये कयास लगाए जा रहे थे की नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार में उपेन्द्र कुशवाहा को मंत्री पद मिलेगा. लेकिन कैबिनेट के विस्तार से पहले ही उपेन्द्र कुशवाहा दिल्ली चले गए थे. उपेन्द्र कुशवाहा के दिल्ली चले जाने की वजह से अटकलें लगने लगी थी की वो मंत्री पद नहीं मिलने की वजह से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने पटना लौटते ही अपनी नाराजगी की बातों का खंडन कर दिया है