अनुराग प्रधान,पटना : प्रभात खबर द्वारा जेइइ मेन परीक्षा प्रश्न पत्र लिक होने की खबर के बाद ही परीक्षा में हुई जालसाजी का पता चल पाया. प्रभात खबर में प्रश्न पत्र लीक होने की खबर छपने के बाद देश के बड़े हिन्दी और अंग्रेजी अखबारों ने भी इस खबर को प्रमुखता से छापा. इसका असर यह हुआ कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इसे गंभीरता से लिया. मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गयी.
सीबीआइ की जांच में कई चौंकाने वाले मामले सामने आये. पिछले दो दिनों से 20 से अधिक सेंटरों पर छापेमारी हुई. इस छापेमारी में यह तथ्य सामने आ गया है कि जेइइ मेन के लीक हुए प्रश्न पत्र बिल्कुल वही थे, जिन्हें प्रभात खबर ने छापा था. प्रभात खबर द्वारा इसी साल 18, 19 और 20 मार्च लगातार सीरीज चला कर प्रश्न पत्र के बाहर आने की एक-एक सूचना प्रकाशित की गयी थी.
प्रभात खबर में खबर छपने के बाद एनटीए ने इस संबंध में आइटी सेल को जांच का जिम्मा सौंपा था. इसके साथ ही सीबीआइ भी इस पर नजर रख रही थी. संदिग्ध सेंटर सर्विलांस पर थे. सीसीटीवी फूटेज को खंगाला गया. इसके बाद सीबीआइ को सभी सबूत सौंप दिये गये. सीबीआइ ने भी अपने स्तर से जांच की. जांच में कई सेंटरों की प्रश्नपत्र लीक मामले में मिलीभगत पायी गयी. परीक्षा समाप्त होने के साथ ही सीबीआइ ने दिल्ली-एनसीआर, पुणे, जमशेदपुर, इंदौर और बेंगलुरु में 20 जगहों पर छापेमारी की.
Also Read: Teachers’ Day 2021: ये हैं राजधानी पटना के डिजिटल गुरु, देश-विदेश में हैं इनके लाखों व्यूअरएक्सपर्ट बताते हैं कि मार्च में जेइइ मेन की परीक्षा 792 सेंटरों पर ली गयी थी. सभी सेंटरों की निगरानी सीसीटीवी से हो रही थी, लेकिन कुछ सेंटरों पर सीसीटीवी के डायरेक्शन को बदल दिया गया. पूरे सिस्टम को ही साइबर एक्सपर्ट गिरोह ने हैक कर लिया था. सेटिंग में इच्छुक छात्रों से मोटी रकम ली जाती है. इसके बाद स्टूडेंट्स का सेंटर भी यही गिरोह तय करवाता है. यह गिरोह चुने हुए परीक्षा केंद्र से रिमोट एक्सेस के माध्यम से आवेदक के प्रश्न-पत्र को हल करता है.
वहीं, इसी के आधार पर प्रश्न मोबाइल में भी कैप्चर करके इसे दूसरे सेंटर पर भी भेजा जाता था और सॉल्व प्रश्न का आंसर भी उपलब्ध कराया जाता था. आरोपी इच्छुक छात्रों से सुरक्षा के रूप में 10वीं और 12वीं कक्षा की अंक तालिका, यूजर आइडी, पासवर्ड और पोस्ट डेटेड चेक ले लेते थे. वे हर उम्मीदवार से 12 से 15 लाख रुपये तक की रकम वसूलते थे. इसके साथ-साथ एक्सर्पट सेंटर का जैमर को फेल कर देते थे. टीसीएस जिस सेंटर को भाड़े पर लेता है, उसी में यह गिरोह ज्यादा सेंध लगाते थे.
प्रभात खबर ने 18 मार्च को ही खबर में छापा था कि प्रश्न-पत्र बेंगलुरु से वायरल किया गया है. सीबीआइ ने बेंगलुरु में भी छापेमारी की है.
ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेइइ) मेन 2021 मार्च का आयोजन 16 से 18 मार्च से तक हुआ था. इसके लिए पूरे देश के 792 सेंटर पर 6,19,638 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. बिहार में पटना, भागलपुर, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया व आरा में परीक्षा आयोजित हो रही है.
16 मार्च से जेइइ मेन की परीक्षा शुरू हुई थी. परीक्षा शुरू होने के साथ ही प्रश्न-पत्र बाहर आने की बात प्रभात खबर को पता चली. इसके बाद से प्रभात खबर ने इस सूचना के पीछे काम करना शुरू कर दिया. 17 मार्च को हुई परीक्षा में भी प्रश्न-पत्र सेंटर से बाहर आ गये थे. इसके बाद कई एक्सपर्ट से प्रभात खबर की टीम ने बात की और पता चला की परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही प्रश्न-पत्र बाहर आ जा रहे हैं. इसकी खबर प्रभात खबर ने 18 मार्च को प्रकाशित की. इसके बाद 19 मार्च परीक्षा में प्रभात खबर की टीम ने एग्जाम सेंटर पर पहुंच कर एग्जाम के तुरंत बाद बाहर आये प्रश्न-पत्रों का मिलान कराया. स्टूडेंट्स ने इसकी पुष्टि कर दी.
प्रश्न-पत्र दिखाने के बाद परीक्षार्थियों ने कहा था कि यह संभव नहीं हो सकता है, लेकिन सच है. शहर के कोचिंग संस्थानों ने भी कहा था कि प्रश्न-पत्र एनटीए तुरंत जारी नहीं करता है. इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रभात खबर ने एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी से बात की. श्री जोशी ने भी कहा था यह संभव नहीं है. प्रभात खबर को मिले सबूत को एनटीए के महानिदेशक ने मांगा. इसके बाद सभी सबूत प्रभात खबर ने एनटीए को सौंप दिये. एनटीए ने जांच शुरू कर दी और तुरंत संदिग्ध सेंटरों की पहचान कर ली. इस संबंध में एनटीए ने टीसीएस को पत्र भी लिखा था कि संदिग्ध सेंटरों पर परीक्षा नहीं ली जायेगी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan