पटना. जेइइ मेन ओर नीट परीक्षा एक से छह सितंबर तक होना है. लेकिन परीक्षार्थियों और उनके अभिभावक ठहरने और खाने-पीने को लेकर पशोपेश में है. कोरोना महामारी को लेकर शहर के होटल, रेस्ट हाउस और रेस्टूरेंट आदि तो खुले हैं, लेकिन सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं. ऐसे हालात में होटल में ठहरने के लिए सिंगल कमरा मिलेगा, जबकि खाना-नाश्ता पैक करा कर ले जाना होगा. होटल प्रबंधक की मानें तो कोरोना को लेकर होटल इंडस्ट्रीज पूरी तरह ठप सा हो गया है. गेस्ट नहीं के बराबर आ रहे हैं. एक से छह तक होने वाली परीक्षा होटल व्यवसाय को थोड़ा उत्साहित करने वाली है.
आवास इन के प्रबंधक सुमन मिश्रा ने बताया कि वैसे तो होटल आठ जून से ही खुले हैं, लेकिन कोरोना महामारी को लेकर गेस्ट दो-चार मुश्किल से पहुंच रहे है. जेइइ मेन और नीट परीक्षा होटल कारोबार के लिए वरदान साबित होगा. बुकिंग को लेकर तैयारी चल रहा है. इसके तहत होटल को सैनिटाइज और साफ-सफाई किया जा रहा है. कानून का पालन करना होगा.
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बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंधक मुकेश कुमार ने बताया कि छात्रों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. इसके मद्देनजर डोरमेटरी हॉल को व्यवस्थित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यहां 22 डोरमेटरी बेड है. इसके अलावा अन्य रेंज के कमरें उपलब्ध हैं. छात्र एडंवास बुकिंग भी करा सकते हैं. लेकिन ठहरने वाले छात्र का टेस्ट किया जायेगा.
मिथिला होटल के प्रमुख मिथिलेश कुमार ने बताया कि होटल तो खुले है, लेकिन लोग खाने को लेकर कम आ रहे हैं. बैठकर खाने को लेकर सख्ती है. छोटा होटल होने के कारण जगह की कमी है. दस लोगों की जगह एक बार में चार लोगों से अधिक नहीं बैठा पा रहे हैं. अधिकांश लोग खाना पैक करा कर ही ले जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण को लेकर लोग भयभीत है. खाने का होटल अभी भी 80 फीसदी बंद है. परीक्षा देखते हुए सरकार को कुछ छूट देना चाहिए ताकि परीक्षार्थियों को परेशानी न हो. अगर छूट नहीं दिया गया तो बडी संख्या में छात्रों को भूखा रहना पडेगा.
कमाख्या होटल के प्रमुख विजय कुमार जायसवाल ने बताया कि एक कमरा में दो से अधिक लोगों को ठहने का इजाजत नहीं होगा. शहर में छात्रों की मौजूदी कितनी रहेगी यह तो 30 अगस्त को ही पता चलेगा. जहां तक खाने-पीने को लेकर सवाल है तो यह तैयारी में जुटे हैं. परीक्षा को लेकर अतिरिक्त श्रमिक की जरूरत पड़ सकती है. कोरोना के कारण बडी संख्या में अभी होटल बंद है. मेंटेनेस का भी खर्च नहीं निकल पा रहा है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya