हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी के आवास पर आज ब्राह्मणों-पंडितों के लिए विशेष भोज का आयोजन किया जाएगा. इस भोज में दलित समुदाय के लोग भी शामिल होंगे. पंडितों के ऊपर दिये गये विवादित बयानों व आपत्तिजनक टिप्पणी से पनपे विवादों के बाद भूतपुर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इस भोज का आज आयोजन किया है.
बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने हाल में ही पंडितों के लिए खुले मंच से अपने संबोधन में आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. जिसके बाद सियासी गलियारे में ही नहीं बल्कि आम लोगों में भी यह मुद्दा जमकर उछला. वहीं मामले ने तूल पकड़ा तो मांझी ने इसपर पर्दा डालना चाहा और बयान से पलट गये. मांझी ने कहा कि वो पंडितों को नहीं बल्कि अपने ही समुदाय को गाली दे रहे थे. हालांकि कुछ ही समय बाद मांझी ने इस मुद्दे को फिर हवा दे दी और ब्राह्मण-पंडित भोज का निमंत्रण दे दिया. हालांकि मांझी ने इस भोज में कई शर्तें भी रख दी है.
जीतन राम मांझी के पटना स्थित सरकारी आवास पर आज भोज की तैयारी की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मांझी के आवास पर भोज में ब्राह्मण और दलित एक साथ एक पंगत में बैठकर भोजन का आनंद लेंगे. आज सोमवार को दोपहर 12:30 बजे ब्राह्मण-दलित एकता भोज का आयोजन किया है. इसे लेकर रविवार से ही तैयारी जोरों पर दिखी. भोज में लहसून और प्याज का इस्तेमाल वर्जित किया गया है.
भोज में दही-चूड़ा और तिलकुट के साथ ही बगैर लहसुन-प्याज की सब्जी परोसी जाएगी. जीतनराम मांझी खुद अपने हाथों से भोजन परोसेंगे. आज के विशेष भोज में चनपटिया का चूड़ा, दही, गुड़ और गया से तिलकुट मंगाया गया है.
बता दें कि ब्राह्मणों के लिए इस भोज में मांझी ने शर्त रखी है.अपने ट्वीट में हम प्रमुख ने लिखाा कि वैसे ब्राम्हण-पंडित जिन्होने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया हो,चोरी-डकैती नहीं की हो वह 27 दिसम्बर 21 को पटना स्थित मेरे सरकारी आवास पर दोपहर 12.30 बजे आएं और दलित-आदिवासी परिवारों के साथ ब्राम्हण-पंडित भोज में शामिल होकर समाजिक एकता का परिचय दें.
Posted By: Thakur Shaktilochan