Bihar By Election: जीतन राम मांझी ने अपनी बहू को इमामगंज से बनाया उम्मीदवार, जानें कौन हैं दीपा मांझी

Bihar By Election: हम पार्टी ने इमामगंज सीट के लिए अपना उम्मीदवार तय कर लिया है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दीपा मांझी को सिंबल दिया है. दीपा मांझी हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन की पत्नी हैं.

By Anand Shekhar | October 20, 2024 6:20 PM
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Bihar By Election: बिहार की इमामगंज विधानसभा सीट पर होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी बहू दीपा मांझी को पार्टी का सिंबल सौंपते हुए यह घोषणा की. दीपा मांझी हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन की पत्नी हैं.

जीतन राम मांझी के सांसद बनने के बाद हो रहा उपचुनाव

दीपा मांझी के टिकट मिलते ही अब तमाम अटकलों पर विराम लग गया है. इस सीट से जीतनराम मांझी के छोटे बेटे प्रवीण मांझी और दामाद देवेंद्र मांझी भी टिकट के दावेदार थे. पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन को इमामगंज से टिकट के लिए अधिकृत किया गया था. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दीपा मांझी को टिकट देने पर अंतिम मुहर लगायी. पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने इसकी आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा कि दीपा मांझी की उम्मीदवारी से पार्टी को मजबूती मिलेगी. इससे पहले जीतन राम मांझी इमामगंज सीट से विधायक थे, लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में वे गया संसदीय सीट से जीते थे, जिसके कारण इमामगंज सीट पर उपचुनाव हो रहा है.

मांझी परिवार से चुनाव लड़ने वाली पांचवीं सदस्य होंगी दीपा

दीपा मांझी जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं. सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. मांझी परिवार से चुनाव लड़ने वाली वो पांचवीं सदस्य होंगी. इससे पहले जीतनराम मांझी, संतोष सुमन, दामाद देवेंद्र मांझी, मांझी की समधन ज्योति मांझी चुनाव लड़ चुके हैं. इनमें जीतनराम मांझी केंद्रीय मंत्री, संतोष सुमन बिहार सरकार में मंत्री, समधन ज्योति मांझी बाराचट्टी की विधायक हैं.

इमामगंज का राजनीतिक इतिहास

इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है. स्व. अंबिका प्रसाद सिंह 1957 से 1962 तक निर्दलीय और 1962 से 1967 तक स्वतंत्र पार्टी से इस क्षेत्र से विधायक चुने गए. इसके बाद 1980 से 1985 और 1985 से 1990 तक कांग्रेस के टिकट पर स्थानीय उम्मीदवार श्रीचंद्र सिंह जीते. 1995 से 2000 तक समता पार्टी से रामस्वरूप पासवान विधायक बने. लेकिन, उसके बाद से कोई भी स्थानीय चेहरा इमामगंज का प्रतिनिधित्व नहीं कर सका. वहीं इस सीट पर 2015 से जीतन राम मांझी विधायक हैं.

अन्य दलों के उम्मीदवार

इमामगंज सीट से आरजेडी की ओर से रोशन कुमार मांझी को उम्मीदवार बनाया गया है. रोशन मांझी 2005 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट से उम्मीदवार थे, लेकिन उस समय वे चुनाव हार गए थे. उन्हें आरजेडी नेता अभय कुशवाहा का करीबी माना जाता है. वहीं प्रशांत किशोर की जन सुराज ने यहां से डॉ. जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया है.

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मुसहर समाज के बीच मुकाबला

इमामगंज का चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि यहां मुसहर समाज के दो प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा. एनडीए और महागठबंधन दोनों ने ही सजातीय उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिससे यह चुनाव सोशल इंजीनियरिंग के नजरिए से खास बन गया है.

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