बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) फिर एकबार अपने बयानों को लेकर विवाद में हैं. मांझी ने खुले मंच से पंडित समाज के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी ही नहीं कि बल्कि गाली का भी प्रयोग किया. वहीं हिंदू देवी देवताओं के पूजा-पाठ का भी मांझी ने विरोध किया. मामला गरमाया तो मांझी ने बयान को कवर करने की कोशिश की. लेकिन इस क्रम में उन्होंने पंडित को दी हुई गाली अपने ही समाज के ऊपर शिफ्ट कर दी और उलझते ही चले गये.
जीतन राम मांझी ने एक कार्यक्रम के दौरान खुले मंच से विवादित बयान दिया. मांझी ने गरीब तबके के लोगों पर भी हमला बोला और उनके धर्म के प्रति प्रेम से मांझी बौखलाए दिखे. उन्होंने कहा कि हम लोगों के हर टोले में हर जगह अब सत्यनारायण भगवान की पूजा दिखने लगी है. इसी दौरान उन्होंने पंडितों के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी किया और गाली तक दे दी.
जीतन राम मांझी ने पंडितों को गाली दिया तो सूबे में सियासत भी गरमायी. सोशल मीडिया पर इस बयान की काफी निंदा की जा रही है. वहीं जब बयान के कारण मांझी पर चौतरफा हमला शुरू हुआ तो उन्होंने इसपर डैमेज कंट्रोल करना शुरू किया. पहले उन्होंने ट्वीटर पर यह लिखा कि इस प्रकरण के उतने ही वीडियो को चलाया जा रहा है जिससे विवाद हो. वहीं मीडिया के सामने सफाइ देने के दौरान मांझी और बुरे फंस गये.
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मांझी ने हिंदू धर्म, देवी-देवता के लिए अपमानजनक टिप्पणी और पंडितों को गाली दी तो हंगामा मचा. बचाव करने के चक्कर में मांझी ने मीडिया के सामने दलील दी कि वो अपने समाज के लोगों को सलाह दे रहे थे कि पहले अपने देवी-देवताओं की पूजा आप कर रहे थे. लेकिन अब आपके यहां पंडित भी आते हैं और पूजा कराते हैं.
मांझी ने इस दौरान ये कह दिया कि वो गाली पंडितों को नहीं बल्कि अपने समाज के लोगों को दे रहे थे. मांझी ने बार-बार यही दोहराया कि वो अपनी समाज के लोगों को गाली दे रहे थे, उन्हें हरामी कहा. इसके लिए उन्होंने पूजा पाठ के बदले तरीके और हिंदू धर्म से अलग रहने की दलील दी.
Posted By: Thakur Shaktilochan