हिंदुस्तान आवाम मोर्चा बिहार में एनडीए में शामिल है. पार्टी के मुखिया व भूतपूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान ऐसी बात कह दी है कि सूबे की सियासत उस बयान को लेकर गरमा गयी है. मांझी ने अपने क्षेत्र में विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये की मांग ही नहीं की बल्कि नहीं देने पर गठबंधन से अलग तक होने की बात कह दी. सोशल मीडिया पर इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं.
एक हजार करोड़ अगर नहीं देंगे मुख्यमंत्री तो हम फिर कहेंगे कि 1 हजार करोड़ दीजिए. अगर नहीं दीजिएगा तो हम आपकी पार्टी में नहीं हैं. हम गठबंधन में हैं. कहीं हम चमक ना जाएं तो फिर आप समझ जाइएगा. आपके क्षेत्र के लिए लोगों के लिए ये बात हम करना चाहते हैं.’ हालांकि मांझी ने यह भी कहा कि मुझे उम्मीद है कि ऐसी नौबत नहीं आएगी और वो जरुर देंगे.
दरअसल जीतन राम मांझी एक कार्यक्रम के लिए अपने क्षेत्र में थे. उन्होंने कहा कि मैं अपनी राजनीति का अंतिम पारी खेल रहा हूं और कोई अपयश लेकर विदाई नहीं चाहता. मैं चाहता हूं कि जब जाउं तो यश लेकर जाउं. इसलिए अपने बेटे संतोष को कहा कि एक हजार करोड़ का इस्टीमेट बना रखे. सैंकड़ो योजनाएं इस क्षेत्र में आ सकती है अगर ये पैसे मिल जाए. आने वाले समय में वो योजनाएं सामने दिखेंगी.
Also Read: Bihar News: तेजस्वी यादव की सगाई कल, दिल्ली में जुटा लालू परिवार, राजद सुप्रीमो के घर बजेगी शहनाई
बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में जीतनराम मांझी की पार्टी भी शामिल है. वहीं मांझी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. दरअसल, बिहार चुनाव परिणाम सामने आने के बाद विपक्ष लगातार जीतनराम मांझी की पार्टी को अपने साथ लाने के प्रयास में रहा है. ऐसे कइ मौके सामने आए जब मांझी को एनडीए से अलग होने की सलाह दी जाती रही है.
Published By: Thakur Shaktilochan