हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संयोजक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) एक बार फिर से चर्चा में हैं. गया के वजीरगंज कॉलेज परिसर में रविवार (4 फरवरी) को ‘हम’ की ओर से ‘गरीब संकल्प सभा’ का अयोजन किया गया था. इस सभा को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने हुए कहा कि “1984 से 2013 तक जब भी मंत्री बने तो सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री बने. अब बेटा संतोष कुमार सुमन को भी मंत्री बनाया गया तो वह भी एससीसीटी कल्याण मंत्री. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से शेयर हो रहे हैं. बताते चलें कि जीतन राम मांझी इससे पहले दो मंत्री पद की मांग कर रहे थे. लेकिन, अपने बेटे को मिले विभाग की चर्चा करने के साथ ही उन्होंने बिहार में सियासी तापमान बढ़ा दिया है.
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दरअसल पहले जीतन राम मांझी एनडीए की नई सरकार में दो मंत्रालय मांग रहे थे. हालांकि एक ही विभाग मिला और उनके बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया. लेकिन उनको जो विभाग मिला है उसकी चर्चा कर कई तरह के राजनीतिक सवाल भी खड़े कर दिए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री रहते उन्होंने जो काम किया था उसकी चर्चा भी उन्होंने किया. प्रेस क्लब की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे प्रयास से प्रत्येक जिला में प्रेस क्लब तो बने, लेकिन अभी तक उसे पत्रकारों को नहीं सौंपा गया है. उन्होंने आगे कहा कि हमारे प्रयास से लगभग सात लाख भूमिहीनों को आवास के लिए भूमि दी गई. लेकिन उनका आज तक उस पर दखल नहीं हो सका है.
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सभा को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर सभी सीटों पर जीत दिलाना है. वहीं दूसरी तरफ मांझी ने कहा कि बिहार में भूमिहीनों की संख्या 14 लाख है जबकि सरकारी भूमि 16 लाख एकड़ है. उन्होंने प्रत्येक भूमिहीनों के लिए एक-एक एकड़ जमीन देने की मांग की है. कहा कि पर्चाधारकों को जमीन की दाखिल करवाने के लिए हम पार्टी अभियान चलाएगी. उन्होंने साफ कहा कि ‘हम’ पार्टी हमेशा गरीबों के लिए लड़ती रही है. माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांगी की