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BPSC TRE: बीपीएससी का बड़ा फैसला, अब शिक्षक भर्ती परीक्षा के इस पेपर में क्वालिफाइ होना जरूरी नहीं

द्वितीय चरण की शिक्षक नियुक्ति में अभ्यर्थियों को क्वालिफाइंग भाषा और सामान्य अध्ययन और विषय के लिए दो अलग-अलग पेपर की परीक्षा के बजाय एक ही पेपर की परीक्षा हुई.

बीपीएससी ने सोमवार को शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के दूसरे चरण में भाषा (अर्हता) के अंक को शून्य कर दया है. बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने कहा है कि वर्ग एक से पांच को छोड़कर अन्य सभी वर्गोें के विषयों की परीक्षा में भाग-1 भाषा (अर्हता) के अंक को समाप्त कर दिया गया है. केवल वर्ग एक से पांच के भाग-1 भाषा (अर्हता) के प्राप्तांक को मेरिट लिस्ट तैयार करने में प्रयोग किया जायेगा.

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द्वितीय चरण की शिक्षक नियुक्ति में अभ्यर्थियों को क्वालिफाइंग भाषा और सामान्य अध्ययन और विषय के लिए दो अलग-अलग पेपर की परीक्षा के बजाय एक ही पेपर की परीक्षा हुई. हर शिक्षक श्रेणी के अभ्यर्थियों को 150 प्रश्नों वाली एक प्रश्नपुस्तिका दी गयी, जो तीन अलग-अलग खंडों में बंटी थी. खंड एक में 30 अंक भाषा के थे. यह क्वालिफाइंग था, जिसे बीपीएससी ने सोमवार को खत्म कर दिया. खंड दो में सामान्य अध्ययन के 40 प्रश्न और खंड तीन में विषय के 80 प्रश्न थे. इन दोनों खंड के 120 प्रश्न के अंकों के आधार पर मेधा सूची बनेगी.

क्वालिफाइंग में हिंदी और अंग्रेजी मिलाकर लाने थे नौ अंक

प्रश्नपत्र के पहले खंड के 30 प्रश्नों में 22 प्रश्न हिंदी के और आठ प्रश्न अंग्रेजी के पूछे गये. इस खंड में अभ्यर्थियों को 30 फीसदी अंक लाना अनिवार्य था. इसमें हिंदी और अंग्रेजी दोनों से अलग-अलग 30 फीसदी अंक नहीं लाकर बल्कि नौ अंक (30 फीसदी ) लाना था. लेकिन अब इसे हटा दिया है.

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