Kal Ka Mausam: पटना. मॉनसून विदाई से पहले एक बार फिर बिहार में सक्रिय हो गया है. लौटता मॉनसून बिहार को तरबतर करने वाला है. बिहार में कमजोर हुआ मानसून फिर से सक्रिय हो चुका है. पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के पास बना कम दबाव क्षेत्र उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है. बंगाल के तटीय इलाकों में शनिवार तक पहुंचने की उम्मीद है. राजस्थान, यूपी से होते हुए मानसून ट्रफ पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है. शनिवार से बिहार में मौसम करवट ले सकता है.
परेशानी का सबब बन सकता है बारिश
मौसम विभाग का कहना है कि शुक्रवार शाम से ही लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलेगी. बिहार के लोग इन दिनों भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं. गर्मी और उमस लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. वहीं मौसम विभाग ने बिहार में मौसम को लेकर नया अपडेट जारी किया है. शनिवार को पटना में छिटपुट वर्षा और बूंदाबांदी होने की संभावना है, जबकि कुछ जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी दी गयी है. इन जिलों में लोगों से ठनके को लेकर सावधानी रखने की अपील की गयी है.
सात जिलों में सात दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने बिहार के 7 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने समस्तीपुर, बेगूसराय, सीवान, बक्सर, भोजपुर, रोहतास एवं कैमूर में गरज-तड़क का येलो अलर्ट जारी किया गया है. कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल और गया में भारी बारिश संभावित है. वहीं, राजधानी पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, बेगूसराय, समस्तीपुर, सीतामढ़ी समेत कई जिलों में बारिश के साथ वज्रपात और मेघ गर्जन का भी अलर्ट मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया है. मौसम विभाग का कहना है कि कल से एक सपताह तक बारिश का मौसम रह सकता है.
मधुबनी प्रदेश का सबसे गर्म जिला
मॉनसून की विदाई में अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे है, लेकिन अब तक बिहार में 28% कम बारिश हुई है. बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में केवल 4 मिमी बारिश ही हुई. पिछले कई दिनों से बिहार में बारिश नहीं होने के कारण वहां का तापमान काफी ज्यादा था. बीते दिनों बिहार का जिला मधुबनी प्रदेश का सबसे गर्म जिला था, जिसका तापमान 37.8 डिग्री तक पहुंच गया था.
अंतिम सप्ताह से लौटने लगेगा मॉनसून
मॉनसून की विदाई से पहले बिहार में एक बार फिर जोरदार बारिश होने की उम्मीद जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार देशभर में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 19 से 25 सितंबर के बीच विदा होना शुरू हो जाता है. उत्तर-पश्चिमी भारत में सबसे पहले मॉनसून की गतिविधियों में कमी आएगी. जिसके बाद 15 अक्टूबर तक धीरे-धीरे देशभर से मॉनसून की विदाई हो जाएगी.