Kal Ka Mausam: बिहार में कहीं येलो तो कहीं ऑरेंज अलर्ट, पटना में धूप छांव वाला रहेगा सोमवार का मौसम
Kal Ka Mausam : जैसे-जैसे ये सिस्टम आगे बढ़ेगा, बारिश की गतिविधियां बिहार में कम होती चली जाएंगी. अगले दो दिन के दौरान मॉनसून की गतिविधि फिर से कमजोर हो जाएगी. अगले दो दिन तक तपन और उमस बिहार के अनेक भागों में बनी रहेगी.
Kal Ka Mausam: पटना. बिहार में किसान ही नहीं मौसम विभाग भी मॉनसून की सेहत को लेकर हैरान परेशान है. मॉनसून के आने से पहले कहा जा रहा था कि इस दफे देश में अच्छी बारिश होगी. देश के बाकी हिस्सों से इस मामले में पटना अभी तक अलग ही है. यहां के किसान से लेकर शहरी लोग अच्छी बारिश की बाट जोह रहे हैं. हालांकि बीच-बीच में बारिश ठीक हुई, लेकिन जून से लेकर अगस्त में अभी तक ऐसा माहौल नहीं बना, जिससे लगे कि मॉनसून आया हुआ है. कुछ और जिलों में भी यही हाल रहा. धान की खेती के लिए जिस वक्त मॉनसून के पानी की जरुरत थी, उस वक्त बरसात हुई ही नहीं. अब मौसम विभाग ने सोमवार के लिए ताजा पूर्वानुमान जारी किया है.
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
बिहार में सोमवार को कुछ जिलों में येलो तो कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने 26 अगस्त को वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया और नवादा जिलों के एक या दो स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं जमुई और बांका में ऑरेंज अलर्ट दिया गया है, जबकि बाकी जिलों में ऐसा कोई भी अलर्ट नहीं है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के मुताबिक 26 अगस्त को राजधानी पटना समेत पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण, सिवान, गोपालगंज, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, गया, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, बेगूसराय, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया में अनेक स्थानों पर बारिश की संभावना है.
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बिहार से चलने के मूड में अब मॉनसून
मॉनसून ट्रफ अब जैसलमेर, खजूराहो, निम्न दबाव के क्षेत्र से होते हुए रांची, उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक जा रही है. जैसे-जैसे ये सिस्टम आगे बढ़ेगा, बारिश की गतिविधियां बिहार में कम होती चली जाएंगी. अगले दो दिन के दौरान मॉनसून की गतिविधि फिर से कमजोर हो जाएगी. अगले दो दिन तक तपन और उमस बिहार के अनेक भागों में बनी रहेगी. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार परसों निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों और झारखंड के आसपास बना हुआ था. पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ कर कल ये दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश और निकटवर्ती उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश पर बना हुआ है. उसी क्षेत्र पर संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है.