बिहार ललित कला अकादमी के कला दीर्घा में ‘कला मंगल’ प्रदर्शनी का हुआ उद्घाटन, कैटलॉग का हुआ लोकार्पण
Kala Mangal exhibition: बिहार ललित कला अकादमी के कला दीर्घा में मंगलवार से ‘कला मंगल’ प्रदर्शनी सह-व्याख्यानमाला की शुरुआत की गयी. पहले ही दिन से ‘कला मंगल’ प्रदर्शनी पटनाइट्स के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रही. 14 फरवरी तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में युवा कलाकारों की 44 कलाकृतियां कैनवास पर चमक बिखेर रही हैं, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. युवा कलाकारों की इस समूह प्रदर्शनी में मंजुषा और मधुबनी कला को दर्शाया गया है.
Kala Mangal Exhibition, लाइफ रिपोर्टर@पटना : बिहार ललित कला अकादमी में मंगलवार को ‘कला मंगल’ की समूह प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की निदेशक रुबी ने किया. मौके पर उन्होंने कैटलॉग का लोकार्पण किया और सभी प्रतिभागी कलाकारों को गुलाब का फूल देकर सम्मानित किया. मौके पर उन्होंने कहा कि युवा कलाकारों की समूह प्रदर्शनी, जिसमें मुख्यतः मंजुषा कला, मधुबनी कला को दर्शाया गया है, जो काफी प्रशंसनीय है. यह कलाकृतियां कलाकारों की मेहनत और सकारात्मक सोच को प्रदर्शित करती है. इस अवसर पर अमृता प्रीतम अकादमी सचिव सह विशेष कार्य पदाधिकारी कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार पटना, कार्यक्रम के सह-संयोजक बिरेन्द्र कुमार सिंह, योगिन्द्र सिंह गंभीर, मनोज कुमार सहनी, हरि कृष्ण गुन्ना, विनीता कुमारी, दीपक कुमार सिन्हा, अमित, दिनेश कुमार, सुनील कुमार चौधरी, अल्का दास, साधना देवी, देव पूजन कुमार, ओमकार नाथ, विजय कुमार, चंदन कुमार, कुमारी शिल्पी रानी के अलावा कई वरिष्ठ कलाकार, कला समीक्षक आदि मौजूद रहे.
सभी कलाकारों की लगी हैं दो-दो कलाकृतियां
‘कला मंगल’ प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी कलाकारों की दो-दो कलाकृतियां प्रदर्शित की गयी हैं. युवा कलाकारों में अन्नु कुमारी, अर्चना चौधरी, अर्चना भारती, मुक्ति झा, बुलबुल कुमारी, आलोक भूषण, अमन सागर, सुमन कुमार, रोशनी कुमारी, खुशबू कुमारी, सोनी कुमारी, अश्विनी आनंद, पुष्पा कुमारी, बेबी कुमारी, पवन कुमार सागर, अमिषा कुमारी, स्मिता कुमारी, लवली कुमारी, आर्या आनंद, अनामिका शेखर, रविकांत शर्मा व अन्य की कलाकृतियां प्रदर्शित की गयी हैं.
प्रदर्शनी में शामिल होने वाले कलाकारों ने कहा-
पहली बार प्रदर्शनी में भाग लेकर अच्छा लग रहा है
खगौल की रहने वाली सोनी कुमारी ने बताया कि मैं पिछले पांच साल से मधुबनी पेंटिंग कर रही हूं. मैंने उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान से छह महीने का कोर्स किया है. कोरोना काल में दरभंगा की साक्षी ठाकुर से भी मैंने प्रशिक्षण प्राप्त किया था. पहली बार इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनकर काफी अच्छा लग रहा है. मैंने प्रदर्शनी में ‘कोहबर’ और ‘रास लीला’ पर पेंटिंग बनायी है.
पिछले सात साल से मंजुषा पेंटिंग कर रहा हूं
भागलपुर के रहने वाले अमन सागर कहते हैं, मैं पिछले सात साल से मंजुषा पेंटिंग बना रहा हूं. मेरे घर में पीढ़ियों से यह परंपरा चली आ रही है. जब से मैंने होश संभाला है, अपनी पेंटिंग के जरिये बिहार की संस्कृति और धरोहर को संजोने का कार्य कर रहा हूं. मेरी पेंटिंग दिल्ली, कोलकाता, उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान में लगी हुई है. यहां लगी पेंटिंग में मैंने पर्यावरण संरक्षण व बिहार की संस्कृति को दर्शाता है.
पढ़ाई के साथ पेंटिग की देती हूं ट्यूशन
मंदिरी की रहने वाली लवली कुमारी फाइन आर्ट्स की फाइनल इयर की छात्रा हैं. वे कहती हैं, मैं 2022 से मधुबनी पेंटिंग करती आ रही हूं. अपने दोनों पेंटिंग में कोहबर और रास लीला को 72 घंटे में तैयार किया था. इसके अलावा दो बच्चों को आर्ट की ट्यूशन भी देती हूं. मेरा मानना है कि कला को जितना सिखाया जाये, वह कम है. मुझे सोशल मीडिया के जरिये पेंटिंग्स के ऑर्डर मिलते हैं.
बिहार की ताजा खबरों के लिए क्लिक करें
पेंटिंग में दिखती है विलुप्त होती परंपरा व पर्व-त्योहार
मधुबनी की रहने वाली खुशबू कुमारी पिछले 10 साल से मधुबनी पेंटिंग करती आ रही हैं. वे कहती हैं, मधुबनी के संस्था केएसबी क्राफ्ट से मैंने प्रशिक्षण प्राप्त किया है. मैं मुख्य रूप से विलुप्त होती परंपराओं और पर्व त्योहार को अपनी पेंटिंग में शामिल करती हूं. बिहार ललित कला अकादमी में ‘कला मंगल’ की समूह प्रदर्शनी में भाग लेकर बहुत अच्छा लग रहा है.
पति के सहयोग से मैं कला के क्षेत्र से जुड़ी
रूपसपुर की रहने वाली अर्चना चौधरी बताती हैं कि मैं 10 साल से मधुबनी पेंटिंग कर रही हूं. पति के सहयोग से मैं इस क्षेत्र से जुड़ी. मेरी बनायी गयी पेंटिंग अफ्रिका, दिल्ली, विशाखापटनम सहित कई राज्यों में जा चुकी हैं. कई राज्यों में मैं पेंटिंग की प्रदर्शनी भी लगा चुकी हूं. मैंने इस प्रदर्शनी में झिझिया लोक नृत्य पर पेंटिंग तैयार की है, जिसमें 15-20 दिन का वक्त लगा.
मेरी पेंटिग कुल देवी-देवताओं पर होती हैं
मंजुषा कलाकार अश्विनी आनंद के गुरु मनोज कुमार पंडित हैं. वे कहती हैं, मैंने आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज से ग्रेजुएशन और बनारस से पीजी किया है. बिसहरी मेरे कुल देवी-देवता हैं, तो मेरी ज्यादातर पेंटिंग में आप इन्हीं ही पायेंगे. मेरी यह पेंटिंग राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित हो चुकी है. सोशल मीडिया के जरिये ज्यादा पेंटिंग का ऑर्डर मिलता है.
इसे भी पढ़ें: Bihar: आवास बोर्ड से जमीन लेने वाले लोग आसानी से अपने नाम से करा सकेंगे दाखिल-खारिज, जानें नियम