बिहार: कमला बैराज व गंडक नहर प्रणाली से 80 हजार हेक्टेयर को मिलेगी सिंचाई सुविधा, छह जिलों को होगा फायदा
कमला नदी पर अत्याधुनिक बराज का निर्माण करीब 405 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है. इस परियोजना की शुरुआत दिसंबर 2021 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी. इसे दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है
बिहार के मधुबनी जिले में जयनगर में कमला बराज सहित पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर जिले में पूर्वी और पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली से करीब 80 हजार हेक्टेयर को सिंचाई सुविधा मिलेगी. इन परियोजनाओं पर काम चल रहा है और अगले साल इनका काम पूरा होने की संभावना है. जल संसाधन विभाग ने दोनों परियोजनाओं को समय पर पूरा करवाने का संबंधित इंजीनियरों और अधिकारियों को निर्देश दिया है. दोनों परियोजनों की अनुमानित लागत करीब 700 करोड़ रुपये है.
नीतीश कुमार ने की थी परियोजना की शुरुआत
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कमला नदी पर अत्याधुनिक बराज का निर्माण करीब 405 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है. इस परियोजना की शुरुआत दिसंबर 2021 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी. इसे दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस परियोजना से करीब 44 हजार 960 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी. दरअसल कमला नदी पर बना वीयर बहुत पुराना था. इसमें गाद भर जाने के कारण पानी का बहाव ऊपर से होने लगा था, जिससे बाढ़ के दौरान स्थिति बिगड़ने की आशंका रहती थी. इसलिए वीयर की जगह अब बराज का निर्माण करने का निर्णय लिया गया.
छह जिलों को होगा फायदा
जल संसाधन विभाग ने 2022-23 में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजन के लक्ष्य के तहत पूर्वी और पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली को बेहतर बनाने का निर्णय लिया है. इससे राज्य के आधा दर्जन जिलों में करीब 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी. इसकी अनुमानित लागत 295 करोड़ रुपये है. इन जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर जिले शामिल हैं. हाल ही में जल संसाधन विभाग ने समीक्षा में पूर्वी गंडक नहर प्रणाली फेज दो को बेहतर बनाने के काम की गति बहुत धीमी पायी थी. ऐसे में काम की गति बढ़ाने के लिए संबंधित अधिकारियों और इंजीनियरों को निर्देश दिया था.