Kargil Vijay Diwas 2020 : कारगिल युद्ध ही ऐसा था, जिसमें देश की एक-एक इंच जमीन दुश्मनों से खाली करायी गयी : सुशील मोदी

Kargil Vijay Diwas 2020 : पटना : भाजपा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ की ओर से ‘21वां कारगिल विजय दिवस’ के मौके पर आयोजित वर्चुअल सभा में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए देश के सभी 527 के साथ बिहार-झारखड के 18 सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पाक और चीन के साथ हुए अब तक के 4 युद्धों में से कारगिल ही एक ऐसा था. जिसमें कब्जा की गयी एक-एक इंच जमीन दुश्मनों से खाली करायी गयी. तब देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे और आज जब नरेन्द्र मोदी हैं तो सर्जिकल स्ट्राइक कर जहां पाक को करारा जवाब दिया गया है. वहीं, गल्वान वैली में चीन की हरकतों का भी देश डट कर मुकाबला कर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2020 6:25 PM

Kargil Vijay Diwas 2020 : पटना : भाजपा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ की ओर से ‘21वां कारगिल विजय दिवस’ के मौके पर आयोजित वर्चुअल सभा में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए देश के सभी 527 के साथ बिहार-झारखड के 18 सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पाक और चीन के साथ हुए अब तक के 4 युद्धों में से कारगिल ही एक ऐसा था. जिसमें कब्जा की गयी एक-एक इंच जमीन दुश्मनों से खाली करायी गयी. तब देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे और आज जब नरेन्द्र मोदी हैं तो सर्जिकल स्ट्राइक कर जहां पाक को करारा जवाब दिया गया है. वहीं, गल्वान वैली में चीन की हरकतों का भी देश डट कर मुकाबला कर रहा है.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि 1947-48 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान जब भारतीय सेना आगे बढ़ रही थी तो पंडित नेहरू ने एकतरफा युद्ध विराम की घोषणा कर भारत की 84100 वर्गमील जमीन पाक को गिफ्ट करने के साथ ही कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में भेजकर उसका अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया. 1971 में अगर भारत चाहता तो 93 हजार पाक युद्ध बंदियों की शर्त पर पाक अधिकृत कश्मीर की समस्या का समाधान कर सकता था.

आज गल्वान वैली की हरकत के बाद नरेन्द्र मोदी की सरकार व भारतीय सेना ने न केवल चीन को पीछे हटने के लिए बाध्य किया है, बल्कि 59 चीनी एप पर प्रतिबंध के साथ ही सभी कन्ट्रैक्ट व आपूर्ति से भी उसे बाहर कर उसकी अर्थव्यवस्था पर चोट की है.

सुशील मोदी ने कहा कि कारगिल युद्ध के बाद देश में हुए चुनाव में जीत हासिल कर अक्तूबर, 1999 में एक ओर भारत में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो दूसरी ओर पाकिस्तान में तख्ता पलट कर सैनिक तानाशाह परवेज मुशरफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जेल में डाल दिया था. 74 दिन चली कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान को सभी मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ी थी. रणनीति व कुटनीति के स्तर पर पूरी दुनिया में पाक को बेनकाब कर भारत उसे आक्रमणकारी साबित करने में सफल रहा.

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