सूर्यदेव की उपासना का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो हो गई है. ऐसे में राजधानी पटना में पूजन सामग्री की अस्थायी दुकानें सज चुकी हैं. कारोबारियों और दुकानदारों का कहना है कि इस बार पिछले साल की तुलना में सूप-दउरा, मिट्टी के सामान लगभग 50 फीसदी तक महंगे हुए हैं.
पटना में लगने वाले बाजार में दउरा झारखंड, असम, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, साहेबगंज तथा पश्चिम बंगाल से जबकि नारियल सिलीगुड़ी उड़ीसा, केरल से आ रहा है. दुकानदारों की मानें तो इस बार दउरा और सूप की कीमतों में लगभग 50 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. महापर्व छठ में सबसे अधिक महत्व और मांग बांस के बने दउरा और सूप का ही होता है.
दुकानदारों का कहना है कि असम और बंगाल से दउरा तो आता ही है. इसके अलावा कटिहार, पूर्णिया और झारखंड से भी दउरा और सूप मंगाया जा रहा है. पिछले साल सूप 150 रुपये तक जोड़ा बिका था, लेकिन इस बार सूप 200 रुपये प्रति जोड़ा बिक रहा है. वहीं पिछले साल 150-250 रुपये तक दउरा बिका था लेकिन इस बार 200-450 रुपये प्रति जोड़ा बिक रहा है. इसके अलावा बाजार में मुरादाबाद में बनी पीतल का सूप 800-1000 रुपये तक में उपलब्ध है. इसके अलावा बाजार में सोने- चांदी के सूप भी उपलब्ध हैं. सौ ग्राम चांदी की सूप की कीमत 10300 रुपये है.
बाजार में पानी वाला नारियल 30-100 रुपये जोड़ा में उपलब्ध है. पटना मंडी में नारियल असम, उड़ीसा, केरल और तमिलनाडु से आता है. नारियल विक्रेता रमेश कुमार ने बताया कि इस बार नारियल के भाव में कोई इजाफा नहीं हुआ है. वहीं बाजार में बेगूसराय, समस्तीपुर और मधुबनी से सुथनी मंगाया गया है, जो 90-125 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं पानी फल सिंघाड़ा मुजफ्फरपुर, हाजीपुर व पटना सिटी से आया है. गागर समस्तीपुर और हरियाणा से आने वाला है.
छठ का प्रसाद बनाने में गेहूं, चावल और गुड़ का विशेष महत्व होता है. महापर्व छठ के लिए खासकर मध्य प्रदेश से गेहूं और उत्तर प्रदेश से गुड़ मंगाया गया है. बाजार में एमपी गेहूं 34-42 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. जबकि उत्तर प्रदेश का मगही गुड़ 55 रुपये से 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश चंद्र तलरेजा ने बताया कि बाजार में 75 फीसदी गुड़ उत्तर प्रदेश का है. वहीं 20 फीसदी हिस्सेदारी भागलपुर और सीतामढ़ी का है, जो लगभग 60 रुपये प्रति किलो है. पिछले साल की तुलना में गुड़ पांच रुपये प्रति किलो और चावल 10 रुपये प्रति किलो महंगा हुआ है.
शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी छठव्रतियां मिट्टी के चूल्हे पर ही प्रसाद बनाती हैं. इसलिए इसकी काफी ज्यादा डिमांड रहती है. इस चूल्हे को पटना की कई मुस्लिम महिलाएं भी तैयार करती हैं, जिसमें वो पवित्रता और आस्था का पूरा ख्याल रखती हैं. मिट्टी के चूल्हे की कीमत 120-150 रुपये और लोहे से बनी चूल्हे की कीमत 200-300 रुपये तक है. मिट्टी की बर्तन बेच रही सुशीला देवी ने बताया कि पिछले साल की तुलना में कीमत लगभग 50 फीसदी तक बढ़ गयी हैं. इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा. वहीं लक्ष्मी देवी ने बताया कि मिट्टी के बर्तन में कुछ बर्तन पटना में बना है, तो कुछ पश्चिम बंगाल से आया है. गुरुवार से लोग इसकी खरीदारी शुरू कर देंगे.