Khan Sir: पटना के खान सर का सिरदर्द क्यों बना 2025 बिहार विधानसभा चुनाव, बोले छात्रों के साथ न हो भेदभाव
Khan Sir: पटना में खान सर से सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने कई सवाल किया. खान सर ने चुनाव लड़ने के सवाल पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. इसके साथ ही बीपीएससी 70वीं परीक्षा के सवाल पर भी जवाब दिया है. आइए जानते है खान सर ने चुनाव लड़ने के सवाल पर क्या कहा...
Khan Sir: पटना के खान सर कई दिनों बाद मीडिया के सामने आकर अपनी चुप्पी तोड़ी. समाचार एजेंसी एएनआई ने सोमवार को खान सर से उनके भविष्य की योजनाओं को लेकर कई सवाल पूछा. खान सर से जब पूछा गया कि क्या वह चुनाव लड़ना चाहते हैं? इसके जवाब में खान सर ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता और मैं इसको स्पष्ट कर देना चाहता हूं. मुझे पढ़ाने के बाद आराम करने का भी समय नहीं मिलता है और मैं इसका जवाब देते देते थक चुका हूं. खान सर ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी ये प्रश्न पूछ-पूछकर लोगों ने परेशान किया और मैं जवाब देते-देते थक गया था. हमको चुनाव नहीं लड़ना है. मुझे पढ़ाने से फुर्सत नहीं है. अब 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव मेरा सिरदर्द बन गया है. मैं चाहता हूं कि चुनाव जल्दी खत्म हो ताकि मेरा सिरदर्द खत्म हो.
छात्रों के साथ नहीं होना चाहिए भेदभाव
बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में ‘नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया’ पर खान सर ने कहा कि ‘नॉर्मलाइजेशन तब किया जाता है जब परीक्षा एक दिन नहीं हो सकती या छात्रों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है. उदाहरण के लिए बिहार, भागलपुर, बक्सर और शिवगंज में, इस तरह आप 3 अलग-अलग क्षेत्रों को अलग-अलग प्रश्न दे रहे हैं. यदि आप मुझे ये 3 अलग-अलग प्रश्न पत्र देते हैं, तो मुझे मिल जाएगा लेकिन सभी प्रश्नपत्रों के लिए समान अंक नहीं मिलेंगे. हम खुद जब तीनों पेपर हल करेंगे तो अलग अलग नंबर आएगा. यह विशेष फॉर्मूला सिर्फ गणित पर लागू किया जा सकता है. लेकिन यह जनरल स्टडीज पर लागू नहीं किया जा सकता है. यह भेदभाव छात्रों के साथ नहीं होना चाहिए.
पुलिस ने नहीं किया किसी भी तरह का दुर्व्यवहार
खान सर ने बिहार पुलिस को लेकर कहा कि पटना पुलिस मेरे साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया. मैं पिछले 1.5 महीने से बीमार था. मैंने सोचा कि BPSC परीक्षा समाप्त होने के बाद उचित इलाज कराऊंगा. परीक्षा से पहले छात्र नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने गए तो उनपर लाठीचार्ज किया गया. मैंने सोचा कि अगर मैं छोड़ दूंगा तो छात्रों की मांग पूरी नहीं होगी. इसलिए मैं वहीं रुक गया और मेरा स्वास्थ्य ज्यादा खराब हो गया.