बिहार में नये साल के शुरुआत के साथ ही सियासी पारा भी बढ़ने लगा है. नए-नए सियासी दावे लगातार हर दलों की तरफ से किए गए हैं. वहीं बिहार में सरकार के द्वारा मंत्रिमंडल का विस्तार भी अभी किया जाना बांकी है. इस बीच राजनीतिक दलों की तरफ से दूसरे दलों में सेंधमारी के दावे भी सामने आए. लेकिन नेता सभी कार्यों को खरमास का हवाला देकर टालते निकले. अब शुक्रवार को खरमास खत्म होने जा रहा है. जिसके बाद सूबे में सियासी दलों के कई काम तो संपन्न होने ही हैं साथ में उनके दावों की अग्निपरीक्षा भी होने वाली है.
नये साल के आगमन के साथ ही एनडीए में मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों ने सुर्खियां बटोरी. एक तरफ जहां सीएम नीतीश कुमार ने इसमें हो रहे विलंब का कारण भाजपा के तरफ से सूची नहीं मिलने को बताया वहीं भाजपा ने विलंब का कारण खरमास को बताया. अब खरमास खत्म होते ही कैबिनेट विस्तार की तैयारी भी तेज होने की संभावना है.
वहीं बिहार विधान परिषद के उपचुनाव के लिए नामांकन जारी है. राज्यपाल के द्वारा अपने कोटे के 12 विधान पार्षदों के मनोनय की भी अनुशंसा होनी है. जो पिछले साल मई से ही पेंडिंग है. उपचुनाव में नामांकन की बात करें तो खरमास के कारण इस तरफ कदम नहीं बढ़ पाया है जो शुक्रवार से खरमास खत्म होते ही गति पकड़ सकती है.
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इस बीच सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के नेताओं और प्रवक्ताओं के द्वारा एक दूसरे के संगठन में टूट-फूट का दावा लगातार पिछले कुछ दिनों से होता आया है. लेकिन इसे अंजाम देने के लिए खरमास के बाधक होने का हवाला दिया जाता रहा. भाजपा के बिहार प्रभारी भुपेंद्र यादव ने खरमास के बाद राजद में बड़े टूट होने के सियासी दावे किए हैं.
वहीं राजद की तरफ से श्याम रजक व तेज प्रताप यादव ने जदयू में बड़े टूट के दावे कर रखे हैं. वहीं कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक ने अपने दल में ही टूट के दावे कर दिए हैं और विधायक दल के नेता समेत कई विधायकों के जदयू से संपर्क में होने की बात कही है. अब खरमास खत्म होते ही इन सियासी दावों की भी अग्नि परीक्षा होनी है. इसी बीच राजद ने भी खरमास के बाद सियासी कार्यों को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रखी है. वो जल्द ही धन्यवाद यात्रा निकालने वाले हैं.
Posted by: Thakur Shaktilochan