Bihar Land Survey: ऑनलाइन खतियान डाउनलोड करना बना चुनौती, जानिए क्यों है जरूरी

Bihar Land Survey: बिहार में चा रहे जमीन सर्वे के लिए खतियान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. ऑफलाइन लेने के के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने पर रहे हैं, जहां भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है. वहीं ऑनलाइन डाउनलोड करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे रैयत परेशान हैं.

By Anand Shekhar | September 18, 2024 10:52 PM

Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के लिए दस्तावेज जुटाने में लोगों को हर दिन किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही मामला अब खतियान को लेकर है. जमीन के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक खतियान को ऑनलाइन देखना इन दिनों बड़ी समस्या बन गई है.

एक साथ पूरे गांव का खतियान हो रहा डाउनलोड

अगर आप सिर्फ अपना खतियान ऑनलाइन देखना चाहते हैं और जब आप प्रक्रिया शुरू करेंगे तो आपके पूरे गांव या मौजा का खतियान एक साथ डाउनलोड होना शुरू हो जाएगा. इससे फाइल बड़ी और भारी हो जाती है, जिससे आसानी से डाउनलोड नहीं हो पाती. जब लोगों को खतियान ऑनलाइन नहीं मिलता तो वे अंचल और सर्वेक्षण कार्यालय का चक्कर लगाना शुरू कर देते हैं. फिर वहां भ्रष्टाचार का खेल शुरू हो जाता है और आवेदक परेशान हो जाते हैं.

खतियान के डिजिटाइजेशन में गड़बड़ी

जब ऑनलाइन खतियान डाउनलोड होने की समस्या की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो पता चला कि खतियान का डिजिटाइजेशन हुआ ही नहीं है. राजस्व एवं भूमि सुधार द्वारा जारी वेबसाइट पर स्कैन कर रैयतों का खतियान डाला गया है. इस कारण जब लोग संबंधित मौजा का खतियान देखना चाहते हैं तो यह एक साथ पूरे मौजा या गांव का खतियान डाउनलोड होना शुरू होता है. इस कारण एक बार में करीब एक हजार खतियान एक साथ डाउनलोड होने की प्रक्रिया शुरू होती है.

चार घंटे में भी नहीं हुआ डाउनलोड

यह इतनी बड़ी फाइल होती है कि इसे डाउनलोड में जब लगाया गया तो चार घंटे में भी यह नहीं हो पाया. बाद में सर्वर एरर बता दिया गया. ऐसे में जमीन के सभी दस्तावेज ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध होने से संबंधी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सभी दावे खोखले साबित होते हैं.

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क्यों जरूरी है खतियान

जानकारों का कहना है कि जमीन का खतियान मिल जाने के बाद उसमें दर्ज खाता, खेसरा, रकवा सहित रैयत का नाम और चौहद्दी आसानी से मिल जाती है. इन सभी विवरणों की जरूरत जमीन सर्वे के लिए ऑनलाइन आवेदन के समय पड़ती है. इसके साथ ही खतियान के विवरणों के आधार पर लोग भू-लगान भी दे सकते हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ऑनलाइन खतियान निकालने का शुल्क भी केवल 10 रुपये रखा है. ऐसे में ऑनलाइन खतियान उपलब्ध हो जाने से लोगों को अंचल और सर्वे कार्यालयों का चक्कर लगाने से राहत मिल जायेगी.

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