बिहार में खाद लेने आधी रात से लाइन में खड़े किसान, गोदाम में ताला मारकर कर्मी फरार, हंगामा
बिहार के किसानों को खाद नहीं मिलने के कारण मधेपुरा, बक्सर, सासाराम समेत कई जिलों में नाराजगी सामने आ रही है. किसान आधी रात से गोदाम के आगे कतारों में लगे हैं लेकिन गोदाम पर ताला लटक रहा है.
बिहार में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. मधेपुरा, सासाराम और बक्सर समेत कई जिलों में किसान सरकारी गोदाम में खाद लेने पहुंचे, लेकिन उन्हें लंबे इंतजार के बाद भी जब खाद नहीं मिल पाया तो उन्होंने हंगामा किया है. किसान सरकारी कुव्यवस्था का विरोध कर रहे हैं.
विस्कोमान के गोदामों से किसानों को खाद मिलने में दिक्कत हो रही है. बुआई का समय नजदीक आ जाने के बाद भी सरकारी व्यवस्था के लचर होने से किसानों को बड़े नुकसान का खतरा सामने दिख रहा है. सूबे के कई जिलों में गोदाम के सामने लंबी कतारें लगी हैं. लेकिन सरकारी अधिकारी या कर्मी, कोई भी इनकी सुध लेने को तैयार नहीं है.
मधेपुरा के मुरलीगंज में किसान सुबह 3 बजे से ही इस ठंड में आकर गोदाम के आगे लाइनों में लगे हैं. सुबह 11 बजे तक जब विस्कोमान गोदाम का ताला नहीं खुला और ना ही किसी अधिकारी या कर्मी की उपस्थिति देखी गयी तो किसान आक्रोशित हो गये. किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. गोदाम का ताला नहीं खुलने से किसानों में नाराजगी है.
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सरकारी रेट पर विस्कोमान गोदाम से खाद लेने की आस लेकर आए किसानों का अब गुस्सा फूट रहा है. जिले में खाद की किल्लत उनकी बड़ी समस्या है. अब गेहूं और मकई की बुआई का एकतरफ समय बीतता जा रहा है लेकिन स्थिति ये है कि गोदाम में भी खाद की किल्लत है और भीड़ को देखकर गोदाम के कर्मी और अधिकारी भी फरार हो गये हैं. किसानों ने जिलाधिकारी को भी इस स्थिति से अवगत कराया है.
सासाराम और बक्सर समेत अन्य जिलों से भी किसानों को खाद नहीं मिलने की खबर सामने आ रही है. इससे पहले बुधवार को कैमूर में भी खाद के कारण किसानों की नाराजगी सड़क पर देखी गयी. किसानों ने मोहनिया में नेशनल हाइवे-30 को करीब तीन घंटे तक जाम रखा. साथ ही अन्य जगहों पर सड़कें जाम करने के साथ भभुआ में इफको के विभिन्न बिक्री केंद्रों पर ईंट-पत्थर भी बरसाये गये थे.
दूसरी तरफ कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने विधानसभा में बताया कि इस सप्ताह एक लाख मीटरिक टन डीएपी मिलेगा. उन्होंने बताया कि डीएपी के रैक राज्य के विभिन्न प्वाइंटों पर पहुंचने लगे हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan