स्कूल-कॉलेजों में KK Pathak का विशेष अभियान शुरू, ‘स्पेशल 39’ अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी
बिहार के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति और बुनियादी ढांचे के आकलन के लिए केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने 39 अधिकारियों की टीम तैयार की है.
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटे हैं. इसके लिए वह खुद राज्य के विभिन्न स्कूलों और प्रशिक्षण संस्थानों में औचक निरीक्षण करने पहुंचते हैं. इसी सिलसिले में अब के के पाठक के निर्देश पर विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों के निरीक्षण का टास्क तैयार किया गया है. इस कार्य को पूरा करने के लिए 39 अधिकारियों की टीम तैयार की गई है. इस टीम ने निरीक्षण का कार्य शुरू कर दिया है.
39 अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी
शिक्षा विभाग ने इन उच्च शिक्षा संस्थानों के निरीक्षण के लिए रोस्टर जारी किया है. जिसके तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), बिहार प्रशासनिक सेवा (BAS) और बिहार शिक्षा सेवा (BES) के 39 अधिकारियों ने विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों में जाकर निरीक्षण करना शुरू कर दिया है. यह निरीक्षण 2 मार्च तक चलेगा. निरीक्षण के बाद इन अधिकारियों को एक पीपीटी भी तैयार कर शिक्षा विभाग को जमा करना होगा.
शिक्षा विभाग के रोस्टर के मुताबिक भारतीय प्रशासनिक सेवा के जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. उसमें शामिल हैं…
- विभागीय सचिव बैद्यनाथ यादव को अररिया .
- बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी को पश्चिम चंपारण .
- विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा को बांका .
- माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव को सहरसा .
- प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा को किशनगंज .
- शोध और प्रशिक्षण निदेशक सज्जन आर. को कटिहार .
- अपर सचिव संजय कुमार को खगड़िया .
- इसके अलावा अन्य बचे जिलों की जिम्मेदारी बिहार प्रशासनिक सेवा और बिहार शिक्षा सेवा के अधिकारियों को सौंपी गई है
क्यों दिया गया टास्क
दरअसल, केके पाठक (KK Pathak) ने जून 2023 में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभाला था. तब से लेकर अब तक शिक्षा विभाग की ओर से 200 से ज्यादा पत्र जारी किये जा चुके हैं. ये सभी पत्र छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने और शिक्षा व्यवस्था में सुधार से संबंधित हैं. के के पाठक ने स्कूल-कॉलेजों के निरीक्षण पर अधिक जोर दिया है. इसी सिलसिले में यह नया निरीक्षण अभियान शुरू किया गया है. ताकि स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति और बुनियादी ढांचे की स्थिति का आकलन किया जा सके. इस आकलन के बाद सभी अधिकारी एक पीपीटी तैयार कर विभाग को देंगे.
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पटना जिले के स्कूलों में निरीक्षण से बढ़ी उपस्थिति
शिक्षा विभाग के निरीक्षण का असर भी दिखने लगा है. पटना जिले के स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति दर में बढ़ोतरी हुई है. जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में 75 प्रतिशत उपस्थिति की दर में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. जिले के 70 प्रतिशत प्राथमिक, माध्यमिक और हाई स्कूलों में विद्यार्थी 50 से 75 उपस्थिति दर्ज कराने लगे हैं. स्कूलों में जुलाई 2023 में निरीक्षण कार्य शुरु किया गया था.
एक जुलाई की निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार 34.19 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 60 प्रतिशत से अधिक और 75 प्रतिशत से कम रही थी. वहीं, तीन जनवरी 2024 की निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार 60 प्रतिशत से अधिक बच्चों की उपस्थिति वाले स्कूलों की संख्या 67.60 प्रतिशत रही थी. स्कूलों में करीब सात महीने में उपस्थिति दोगुनी हो गयी है.
जिले के 75 हजार 309 स्कूलों में फरवरी में निरीक्षण किया गया है. इसमें सबसे अधिक पटना जिले के 3489 स्कूलों में 60 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति वाले स्कूलों की संख्या में सबसे अधिक 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. शिक्षा विभाग की ओर से प्रतिदिन स्कूलों का निरीक्षण होता है, उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है.
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