KK Pathak: बिहार सरकार राजस्व बढ़ाने के लिये कई स्तरों पर प्रयास कर रही है. राजस्व पर्षद ने विभागों को नया टास्क सौंपा है. पर्षद ने विभागों से राजस्व से संबंधित मुकदमों का समाधान निकालने को कहा है वहीं राजस्व वसूली में तेजी लाने का निर्देश दिया है. राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक हैं. इसके लिये विवादों में फंसे राजस्व की वसूली के लिये वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी. कमेटी में कर से संबंधित विभागों के सचिव व प्रधान सचिव को सदस्य बनाये जायेंगे.
क्या करेगी कमेटी
वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी कैसे कर विवाद कम हो और सरकार के खजाने में राजस्व जमा हो इस मुद्दे पर विचार करेगी. मसलन सर्टिफिकेट केस वाले लोग को यदि पैनेल्टी या दूसरी तरह की राशि में छूट देने के लिये क्या किया जा सकता है,ताकि लोग राजस्व की राशि जमा कर सके. इसके लिये यह कमेटी ओटीएस से लेकर अन्य विकल्पों पर विचार करेगी. उसके बाद इससे संबंधित अपनी अनुशंसा सरकार को देगी.
वाणिज्य कर की तर्ज पर अन्य विभागों में भी लायी जा सकती है ओटीएस
विवाद में फंसे कर की वसूली के लिये वाणिज्य कर की तर्ज पर दूसरे विभाग भी एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लांच करने पर विचार कर रहा है.ओटीएस से वाणिज्य कर विभाग को वैट की अवधि का कर विवाद सुलझाने से एक तरफ जहां अधिकारियों के समय का बचत हुआ वहीं,दूसरी ओर सरकार के खजाने में भी दो सौ करोड़ से अधिक का राजस्व जमा हुआ.
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राज्य में 8.82 लाख सर्टिफिकेट में फंसा हुआ सात हजार करोड़
राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 8.82 लाख सर्टिफिकेट में फंसा हुआ सात हजार करोड़ से अधिक की राशि. राज्य में सर्टिफिकेट के सर्वाधिक केस भागलपुर जिला में है. हालांकि सर्वाधिक राशि पटना जिला में 538 करोड़ फंसा हुआ है.