KK Pathak: बिहार में के के पाठक की नयी भूमिका ये होगी, राजस्व पर्षद के अध्यक्ष का काम जानिए…
KK Pathak News: बिहार सरकार के कड़क मिजाज आइएएस अधिकारी के के पाठक की पोस्टिंग अब राजस्व पर्षद अध्यक्ष के रूप में की गयी है. इस पद पर रहकर जानिए क्या काम करेंगे के के पाठक....
KK Pathak News: बिहार सरकार ने 1990 बैच के आइएएस अधिकारी केके पाठक की नए जगह पर फिर से पोस्टिंग की है. के के पाठक (KK Pathak) को अब राजस्व पर्षद का अध्यक्ष सह सदस्य बनाया गया है. वे बिपार्ड के महानिदेशक के पद पर भी अतिरिक्त प्रभार में बने रहेंगे. के के पाठक लगातार सुर्खियों में बने रहे हैं. करीब महीने भर से अवकाश पर चल रहे के के पाठक को पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से हटाकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अपर मुख्य सचिव बनाया गया था. लेकिन उन्होंने यहां योगदान अभी नहीं दिया था. अब के के पाठक राजस्व पर्षद के अध्यक्ष बनाए गए हैं.
के के पाठक नयी पोस्टिंग को लेकर सुर्खियों में बने
के के पाठक की नयी पोस्टिंग फिर एकबार हुई है. सोशल मीडिया पर के के पाठक फिर से चर्चे में हैं. उनकी नयी पोस्टिंग को लेकर भी लोग जानकारी जुटाते दिख रहे हैं. यह पता लगा रहे हैं कि आखिर राजस्व पर्षद के अध्यक्ष के रूप में के के पाठक क्या काम करेंगे. उनकी अब नयी भूमिका क्या होगी.
के के पाठक बनाए गए राजस्व पर्षद के अध्यक्ष
विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 1990 बैच के आइएएस अधिकारी केके पाठक अब बिहार में राजस्व पर्षद के अध्यक्ष की भूमिका में होंगे. इस पद पर अबतक IAS चैतन्य प्रसाद तैनात थे जिन्हें अब राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य के अतिरिक्त प्रभार के पद से मुक्त कर दिया गया है. वहीं के के पाठक को हाल में ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अपर मुख्य सचिव बनाया गया था. अब उनकी जगह पर IAS दीपक कुमार सिंह फिलहाल अतिरिक्त प्रभार में इस पद को संभालेंगे.
क्या है राजस्व परिषद का काम?
बता दें कि राज्य सरकार के लिए राजस्व पर्षद बेहद अहम यूनिट होता है. विभिन्न सेवाओं के राजपत्रित/अराजपत्रित अधिकारियों के लिए विभागीय परीक्षा के आयोजन की जिम्मेवारी परिषद के पास होती है. सूबे में आईएएस, बीएएस, मेडिकल और ऐसी अन्य सेवाओं के अधिकारियों का ट्रेजरी प्रशिक्षण भी राजस्व पर्षद करवाता है. वहीं अधिकारियों का प्रमोशन व विभागीय जांच का संचालन भी विभाग के द्वारा होता है. कई कानूनी जिम्मेवारी भी पर्षद के पास होती है. जैसे बिहार-उड़ीसा लोक मांग अधिनियम में संसोधन की तैयारी पर्षद ने शुरू की थी. अंग्रेजों के इस कानून से बिहार सरकार के करीब 5 हजार करोड़ रुपए फंसे हुए हैं. बेतिया राज की जमीन पर अतिक्रमण समेत कई अहम मामलों में हाल में पर्षद ने एक्शन लिया था.
कड़क मिजाज अफसर हैं के के पाठक
गौरतलब है कि के के पाठक की पहचान एक कड़क मिजाज आइएएस अफसर के रूप में है. शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर रहकर उन्होंने कई बड़े बदलाव किए. शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक व बच्चों की उपस्थिति पर उन्होंने विशेष तौर पर काम किया. इस दौरान मंत्री से भी उनकी टकराव दिखी. शिक्षा विभाग से उन्हें हटाकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग भेजा गया तो इस विभाग के कर्मियों में भी उनकी पोस्टिंग को लेकर हड़कंप दिखा. लेकिन के के पाठक की अब नयी तैनाती कर दी गयी है. अब वे राजस्व परिषद के अध्यक्ष बनाए गए हैं.