पटना. कटिहार के कोढ़ा गैंग ने कई राज्यों के शहरों की पुलिस को परेशान कर रखा है. इसका नेटवर्क दिल्ली, मुंबई, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश समेत हर राज्य में मौजूद है. बैग झपट कर भागने, गाड़ी की पिछली सीट से बैग लेकर भागने और अन्य तरह से लूट की घटनाओं को अंजाम देने में इस गैंग के अपराधी माहिर हैं. इस गैंग ने पटना में भी लगातार घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस की नींद हराम कर दी है.
इस गैंग को लीड उसकी मां करती है. जिस समय बच्चों के पढ़ने-लिखने की उम्र होती है, उस समय कोढ़ा इलाके में मां खुद अपने बच्चों को अपराध करने की ट्रेनिंग देती है. साथ ही पुलिस के सामने अपनी जुबान न खोले, इसके लिए बच्चों के शरीर पर लाठी-डंडे बरसा कर मजबूत बनाया जाता है. 15 वर्ष की उम्र होने के बाद मां अपने बच्चे को अपराध की दुनिया में भेज देती है और उसके द्वारा लूटी गयी रकम को खुद रखती है. खास बात यह है कि इस गिरोह के सदस्यों की पहचान इनके मां से ही होती है. पिता कौन है, इसकी जानकारी इन्हें भी नहीं होती है.
पुलिस टीम में शामिल सदस्यों के अनुसार, कोढ़ा गैंग मूल रूप से बंजारा ग्रुप है. ये लोग राजस्थान से कोढ़ा थाना क्षेत्र में 1968 में आकर बसे थे. बिहार में आने के बाद इन लोगों ने अपने नाम के पीछे जाधव लगाना शुरू कर दिया.
इन लोगों की शादी भी चुनिंदा जगहों पर ही होती है. इन लोगों के विषय में जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार सिलीगुड़ी में फट्टा पोखरटोला, छत्तीसगढ़ में पत्थरगढ़ व गोरखपुर में स्थित छोटे से गांव में इनकी शादी होती है. शादी के बाद ये अपनी ससुराल में आकर बस जाते हैं और पूर्वजों से मिली अपराध की विरासत को आगे बढ़ाने लगते है. जबकि सिलीगुड़ी, छत्तीसगढ़ व गोरखपुर के युवकों की शादी कटिहार के कोढ़ा थाने के जोराबगंज नयाटोला में होती है. नियम के अनुसार ये युवक कटिहार में आकर बस जाते हैं और अपराध की दुनिया में सक्रिय होकर अपने पुश्तैनी धंधे में लग जाते हैं.
सबसे बड़ी बात तो यह है कि गिरोह बजाप्ता अपना वकील भी रखता है और इसके सदस्य फर्जी नाम और पते पर कई बार जमानत भी ले चुके हैं. इसके लिए वकील को मुंहमांगी रकम इस गिरोह द्वारा दी जाती है.
Also Read: पटना में साइबर बदमाशों की नयी करतूत, प्रधान सचिव के फर्जी Whatsapp अकाउंट से दी जा रही अधिकारियों को धमकी
यह गिरोह इतना शातिर है कि किसी भी घटना को अंजाम देने के बाद ये अपनी वेशभूषा के साथ ही बाइक का नंबर प्लेट बदल देते हैं. साथ ही यह बाइक भी अपने साथ लेकर पटना आते हैं और फिर कुछ दिन घटना को अंजाम देने के बाद दूसरे राज्य के लिए निकल जाते हैं.