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बिहार में आज से किसानों के बीच जाएगी भाजपा, जागरूक करने नये कृषि कानून समझाएंगे दिग्गज नेता

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि नये कृषि कानून (Farm Act 2020) से सिर्फ बिचौलियों और दलालों को नुकसान हो रहा है. इसे लेकर लोगों को जागरूक करने और कानून से जुड़ी सही बातों की जानकारी देने के लिए भाजपा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में किसान सम्मेलन आयोजित करने जा रही है. इसकी शुरुआत रविवार से बख्तियारपुर के टेकाबीघा से होने जा रही है. इसमें केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद रहेंगे.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि नये कृषि कानून से सिर्फ बिचौलियों और दलालों को नुकसान हो रहा है. इसे लेकर लोगों को जागरूक करने और कानून से जुड़ी सही बातों की जानकारी देने के लिए भाजपा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में किसान सम्मेलन आयोजित करने जा रही है. इसकी शुरुआत रविवार से बख्तियारपुर के टेकाबीघा से होने जा रही है. इसमें केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद रहेंगे.

भाजपा प्रदेश कार्यालय में शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जो राज्य सरकारें किसानों की आमदनी को अपने टैक्स्ट कलेक्शन का जरिया समझती हैं, उन्हें इस नये कानून से खासतौर से नुकसान हो रहा है. इसलिए भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई ने यह फैसला किया है कि वह किसानों को इस नये कानून की तमाम हकीकत से अवगत करायेगी. किसानों को सभी स्थानों पर जाकर इसकी जानकारी दी जायेगी. इसके लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं के अलावा केंद्र और राज्य सरकार के सभी मंत्री किसानों के बीच जाकर किसान सम्मेलन करेंगे या किसान चौपाल लगायेंगे.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस पूरे कार्यक्रम का समापन 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर किया जायेगा. भाजपा इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाती है. एपीएमसी एक्ट को खत्म करने का सोच सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी का ही था. डॉ जायसवाल ने बिहार सरकार के प्रति धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि यहां तो इस कानून को काफी पहले ही लागू कर दिया गया था.

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उन्होंने कहा कि बिहार में भी पंजाब के तर्ज पर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग शुरू होनी चाहिए, ताकि यहां भी बड़ी कंपनियां आयें. किसानों के साथ उचित मूल्य पर समझौता कर उनकी फसल को सीधे खरीद सकें. इससे किसानों को ज्यादा मुनाफा होगा. कानून में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के प्रावधान के तहत इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि किसान और कंपनी के बीच सिर्फ फसल का कॉन्ट्रैक्ट होगा न की जमीन और अन्य चीजों का. इससे किसानों की जमीन पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी. इसमें जमीन गिरवी रखने जैसी कोई भी बात नहीं है.

उन्होंने कहा कि इस नये कानून में यह भी उल्लेख है कि इसका कोई भी गलत उपयोग करता है, तो वह जेल जायेगा. इसके बावजूद इस कानून का दुष्प्रचार किया जा रहा है और किसानों के बीच भ्रम की स्थिति फैलायी जा रही है, जो विपक्ष की पूरी तरह से साजिश है.

उन्होंने कहा कि किसानों किसानों के बीच जाकर किसान की तरफ से अभियान चलाया जायेगा और केंद्र सरकार को इस नये कानून के लिए धन्यवाद दिया जायेगा. 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुनी करने के लक्ष्य के तहत यह पहल की गयी है. इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन, सुरेश रूंगटा, प्रेम रंजन पटेल, राजू झा आदि मौजूद थे.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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