Bihar Weather: नवंबर का 9 दिन खत्म हो गया है, पर तापमान सामान्य से तीन डिग्री ऊपर चल रहा है. बिहार में मौसम की दगाबाजी का असर लोगों की सेहत पर पड़ा है. ऐसा ला निना (La Nina) के सक्रिय न होने की वजह से है. इसके सक्रिय होने में अभी एक सप्ताह और लग सकता है. ला निना के सक्रिय होने से पश्चिम से ठंडी हवाओं का आना तेज हो जाता है. मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएन पांडेय के अनुसार, पिछले चार दिनों में न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री की कमी आयी है, लेकिन नवंबर की शुरुआत में जिस तरह की ठंड पड़नी चाहिए, वह अभी शुरू नहीं हुई है. उनका कहना है कि इस बार ठंड धीमी गति से आगे बढ़ेगी. उनका कहना है कि क्लाइमेट चेंज की वजह से गर्मी, बरसात और ठंड अपने अनुमानित समय से एक माह आगे खिसक गया है. यानि नवंबर में पड़ने वाली सर्दी अब दिसंबर से शुरू होगी और फरवरी तक ठंड का सिलसिला चलने की संभावना है.
नवंबर में छुट रहा पसीना
शनिवार को अधिकतम तापमान 30 डिग्री या इससे कम और न्यूनतम 15 डिग्री या इससे कम होना चाहिए, जबकि यह क्रमश: 31.8 और 21.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह सामान्य से ज्यादा है. आर्द्रता 54% तथा पुरवा हवा 5.6 किमी की रफ्तार से चलती रही. नतीजा हुआ कि दिन में लोगों को पसीना निकलता रहा.
ला निना क्या है (What is La Nina)
मौसम विज्ञानी डॉ पांडेय की माने, तो ला निना (La Nina) प्रशांत महासागर और ऊपर के वायुमंडल के बीच परस्पर क्रिया के कारण होता है. इसका दुनिया भर के मौसम पर प्रभाव पड़ सकता है. इसकी सक्रियता से मध्य और पूर्व-मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में महासागर की सतह के तापमान में कमी आती है और ठंड का चक्र शुरू होता है. इसकी अधिक सक्रियता से बारिश और तेज हवाएं भी चलती हैं.
कमजोर हो रहा इम्युनिटी सिस्टम
हवा में जहर घुले रहने व दिन में तापमान अधिक और रात में कम होने से वायरस सक्रिय हो जाते हैं, जो संक्रमण फैलाते हैं. तापमान में अचानक बदलाव से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी, जुकाम, बुखार आदि होने का खतरा बढ़ जाता है. सिर में दर्द हो सकता है. अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को तापमान में बदलाव के कारण अधिक परेशानी हो सकती है.
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