श्रम विभाग ने अबतक 2500 सरकारी व निजी प्रतिठानों को भेजा नोटिस, 490 करोड़ की हुई वसूली
- पांच हजार से अधिक का हुआ निरीक्षण, अब नक्शा पास कराते समय ही देना होगा एक प्रतिशत उपकर
– पांच हजार से अधिक का हुआ निरीक्षण, अब नक्शा पास कराते समय ही देना होगा एक प्रतिशत उपकर
संवाददाता, पटनाश्रम संसाधन विभाग ने इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2500 सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों से कुल निर्माण लागत का एक प्रतिशत उपकर नहीं देने वालों को नोटिस किया है. विभाग के मुताबिक सरकारी, निजी प्रतिष्ठानों से कुल निर्माण लागत का एक प्रतिशत उपकर राशि श्रम संसाधन विभाग को प्राप्त होता है, जो कि निबंधित कामगारों एवं मजदूरों के लिए विभागीय योजनाओं पर खर्च किया जाता है. इसके बावजूद निजी संस्थान उपकर नहीं देते हैं. विभाग ने ऐसे सभी प्रतिष्ठानों से उपकर वसूलने के लिए जिला स्तर पर टीम बनायी है, जिन्होंने अबतक पांच हजार जांच की है और 490 करोड़ की वसूली भी की है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक नोटिस भेजने की कार्रवाई को लगातार जारी रखने का निर्देश दिया गया है.
यह है नियम
विभाग के मुताबिक नियमानुसार10 लाख से अधिक के निर्माण कार्य पर एक फीसदी लेबर सेस की वसूली की जानी है. सरकारी विभागों की ओर से होने वाले निर्माण कार्यों में लेबर सेस की वसूली आसानी से हो जाती है. 10 लाख से अधिक की परियोजना पर संबंधित विभाग निर्माण कार्य की प्राक्कलित राशि में से एक फीसदी विभाग को विभाग को तुरंत हस्तांतरित कर देता है. भवन, सड़क, पुल-पुलिया से लेकर सहित सभी सरकारी निर्माण में लेबर सेस मिलने में कोई परेशानी नहीं हो रही है, लेकिन परेशानी निजी निर्माण में सेस वसूलने में हो रही है. इसको लेकर श्रम विभाग बार-बार बैठक कर अधिकारियों को निर्देश देता है.
यहां वसूलने में हो रही है परेशानी विभाग के पास ऐसा कोई मैकेनिज्म (तंत्र) नहीं है कि वह निजी निर्माण कार्यों में एक फीसदी सेस वसूल सके. बड़े-बड़े अस्पताल, प्रतिष्ठान, मॉल, अपार्टमेंट में कभी-कभार विभाग पहल कर लेबर सेस वसूलने की कोशिश करता है, पर इसमें असफल हो जा रहा है. इस कारण से विभाग ने लेबर सेस की वसूली के लिए धावा दल गठित किया है. इस दल में विभाग के जिलास्तरीय अधिकारी को रखा गया है.वित्तीय वर्ष : प्राप्त उपकर की राशि
2021-22 : 372.97 करोड़
2022-23 : 464.69 करोड़2023-24 : 694.80 करोड़
2024-25 : 490 करोड़डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है