बिहार में कौशल के आधार पर होगा मजदूरों का वर्गीकरण
राज्यभर के मजदूरों का कौशल के आधार पर वर्गीकरण होगा. इसको लेकर श्रम संसाधन विभाग जल्द निर्णय लेगा.
संवाददाता, पटना राज्यभर के मजदूरों का कौशल के आधार पर वर्गीकरण होगा. इसको लेकर श्रम संसाधन विभाग जल्द निर्णय लेगा. इसका मूल उद्देश्य श्रमिकों जायज न्यूनतम मजदूरी दिलाना है.वर्गीकरण होने से राज्य के 2.90 करोड़ मजदूर अपनी कौशल क्षमता के अनुसार न्यूनतम मजदूरी प्राप्त कर सकेंगे.विभाग के मुताबिक अब तक बिहार में मजदूरों का कोई वर्गीकरण नहीं है. हालांकि, न्यूनतम मजदूरी के लिए वर्गीकरण है. यानी अकुशल, अर्धकुशल, कुशल और अतिकुशल के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए न्यूनतम मजदूरी तय है, पर वर्गीकरण नहीं होने के कारण कोई भी कामगार यह दावा नहीं कर पाते हैं कि उन्हें अमुक श्रेणी की मजदूरी दी जाए. इनका होगा वर्गीकरण : विभाग ने तय किया है कि मजदूरों का वर्गीकरण कर दिया जाये. यानी खेतों में काम करने वाला मजदूर कुशल होगा या अकुशल, यह विभाग तय करेगा. इसी तरह प्लंबर हो या बढ़ई, ड्राइवर, राजमिस्त्री हो या हेल्पर, सड़क व नहरों में काम करने वाला मजदूर हो या इलेक्ट्रिक काम करने वाला मिस्त्री, वह किस श्रेणी में होगा, यह विभाग तय कर देगा. वर्गीकरण होने के बाद काम कराने वालों को उसके अनुसार न्यूनतम मजदूरी अनिवार्य रूप से देनी होगी. मजदूरों काे चार श्रेणियों में बांटा जायेगा : मजदूरों काे चार श्रेणियों में बांटा जायेगा.पहली श्रेणी अकुशल मजदूरों की होगी.यानी इस काम को कोई भी निरक्षर या किसी तरह का औपचारिक प्रशिक्षण लेने वाला व्यक्ति भी कर सके. दूसरी श्रेणी अर्धकुशल की होगी. इसमें वैसे मजदूरों को रखा जायेगा, जो तकनीकी तौर पर तो दक्ष हैं, लेकिन उनके पास किसी तरह की डिग्री नहीं है. तीसरी श्रेणी कुशल मजदूरों की होगी . चौथी श्रेणी अतिकुशल मजदूरों की होगी.
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