जिला लैब में सुविधाओं की कमी से पानी जांच में हो रही है देर
राज्य में पानी जांच के लिए सभी जिलों में जिला लैब बनाया गया है, जहां 15 मानकों पर जांच होनी है, लेकिन हाल में हुई पीएचइडी की समीक्षा बैठक में पाया गया है कि अधिकतर लैब में तकनीशियन और मशीन की कमी के कारण हर जांच रिपोर्ट देर से लाेगों तक पहुंच रही है.
– लैब में तकनीशियन और मशीन की कमी संवाददाता, पटना राज्य में पानी जांच के लिए सभी जिलों में जिला लैब बनाया गया है, जहां 15 मानकों पर जांच होनी है, लेकिन हाल में हुई पीएचइडी की समीक्षा बैठक में पाया गया है कि अधिकतर लैब में तकनीशियन और मशीन की कमी के कारण हर जांच रिपोर्ट देर से लाेगों तक पहुंच रही है. वहीं, 18 से अधिक जिलों के लैब में सभी मानकों पर जांच नहीं हो रही है और विभाग को जैसे-तैसे रिपोर्ट भेज दिया जा रहा है. पूर्व में हुई बैठक में लैब में सुविधा बढ़ाने को लेकर निर्णय लिया गया था, लेकिन अब तक उस निर्णय के अनुरूप काम नहीं हो पाया है. इस कारण से जांच में देर हो रही है. यह है कमियां जिला लैब में कई तरह की कमियां हैं.कहीं सहायक रसायक है, तो कहीं रसायक नहीं है. कहीं प्रयोगशाला सहायक की कमी है. ऐसे में लैब में पानी की जांच मुश्किल हो गयी है. एक लैब में कम- से- कम इतनी संख्या बल की है जरूरत रसायक एक, सहायक रसायक दो, प्रयोगशाला सहायक दो, सैंपल टेक एक, कंप्यूटर ऑपरेटर एक होना अनिवार्य है, लेकिन लैब में इनकी कमी है. इस कारण से सैंपल की जांच करने में भी समय लगता है. इन लैब में नहीं हो रहा है मानक के अनुरूप जांच विभाग के मुताबिक सभी लैब में 15 मानकों पर जांच होना है, लेकिन बेगूसराय में आठ, दरभंगा छह, गया सात, जमुई सात, अरवल सात, कैमूर आठ, कटिहार आठ, मधेपुरा पांच, सारण छह, सीतामढ़ी छह, भाेजपुर नौ, पटना 13,बांका पांच मानकों पर जांच हो रही है और समय भी अधिक लग रहा है. यही हाल लगभग सभी लैब का है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है