वैशाली जिला के लगुराव बिलंदपुर के मुखिया पद से हटाये गये, पांच साल नहीं लड़ेंगे चुनाव

वैशाली जिला के राजापाकर प्रखंड के लगुराव बिलंदपुर ग्राम पंचायत के मुखिया रवि कुमार महतो को पंचायती राज विभाग ने वित्तीय गड़बड़ी और सरकारी आदेशों की अवहेलना के आरोप में पदच्युत कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 8, 2024 1:14 AM

संवाददाता,पटना वैशाली जिला के राजापाकर प्रखंड के लगुराव बिलंदपुर ग्राम पंचायत के मुखिया रवि कुमार महतो को पंचायती राज विभाग ने वित्तीय गड़बड़ी और सरकारी आदेशों की अवहेलना के आरोप में पदच्युत कर दिया है. इसके साथ ही उनको अगले पांच वर्षों तक पंचायत के किसी भी चुनाव में पात्र होने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है ताकि वह कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. विभाग ने वैशाली जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि पद से हटाये गये मुखिया के खिलाफ नीलामपत्र वाद दायर करें. विभाग ने इसके साथ ही पंचायत सचिव राम कुमार सिंह के विरुद्ध भी कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया है. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने यह कार्रवाई तिरहुत प्रमंडल के लोकप्रहरी सह आयुक्त, मुजफ्फरपुर की अनुशंसा के आधार पर की है. मुखिया पर ग्राम पंचायत में खुले जिम की स्थापना को लेकर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने, 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में अनटाइड मद में प्राप्त राशि से ग्राम पंचायत में खुले जिम की स्थापना कराने में सामग्रियों को जेम पोर्टल से नहीं खरीदे जाने का आरोप है. आपूर्तिकर्ता को राशि का भुगतान 15 वें वित्त मद से प्राप्त राशि से नहीं करके छठे राज्य वित्त आयोग से प्राप्त राशि से किया गया. आपूर्तिकर्ता को कुल 22 चेकों के माध्यम से 33 लाख 41 हजार 290 रुपये का भुगतान छठे वित्त आयोग की राशि से कर दिया गया. इस मामले में जिलाधिकारी द्वारा पंचायत सचिव राम कुमार सिंह और मुखिया रवि कुमार महतो और आपूर्तिकर्ता जानकी इंटरप्राइजेज के विरुद्ध 33 लाख 41 हजार 290 रुपये की राशि के गबन के आरोप में महुआ थाना में सात फरवरी, 2023 को एफआइआर दर्ज की गयी है. दिलचस्प है कि लोकप्रहरी ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि ओपेन जिम से संबंधित योजनाओं का चयन तीन जनवरी ,2022 को आयोजित उस ग्रामसभा में किया गया है, जिसमें कोरम का अभाव था. कोरम के अभाव में ग्रामसभा की बैठक स्थगित कर दी जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इसको लेकर मुखिया से अपना पक्ष रखने को कहा गया, तो उसने बताया कि उसको नियमों और विभागीय निर्देशों की जानकारी नहीं थी.

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