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ललन सिंह पर नीतीश कुमार ने जताया भरोसा, जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की मिली कमान

जदयू के राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में शनिवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह को पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2021 6:46 PM

पटना. जदयू के राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में शनिवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह को पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया. बिहार सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने ललन सिंह पर भरोसा जताते हुए उन्हें जदयू का नया अध्यक्ष बनाया है. पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केंद्र में इस्पात मंत्री बनने के बाद अब पार्टी की कमान ललन सिंह के हाथ में सौंप दी गई है. बता दें कि बिहार के मुंगेर संसदीय सीट से सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को भी नीतीश कुमार का करीबी होने के साथ- साथ चुनाव प्रबंधन में भी महारत हैं.

आरसीपी सिंह ने ललन के नाम का रखा प्रस्ताव

दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ही ललन सिंह के नाम का प्रस्ताव लाए. इसपर सभी ने अपनी सहमति दे दी. ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर सीएम नीतीश कुमार ने सबसे पहले बधाई दी. बैठक में मंच पर सीएम नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह, केसी त्यागी, ललन सिंह और वशिष्ठ नारायण सिंह मौजूद थे. पार्टी की बैठक से पहले ललन सिंह दिल्ली स्थित सीएम नीतीश कुमार से मिलने गए. इसके थोड़ी देर बाद ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी सीएम नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पर पहुंचे. सीएम नीतीश कुमार दोनों नेताओं को अपनी गाड़ी में बैठाकर जंतर मंतर स्थित जदयू कार्यालय पहुंचे . बैठक में थोड़ी देर के बाद ललन सिंह के नाम का प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर आया, जिसे सर्वसम्मति से मान लिया गया.

नीतीश कुमार ने जताया ललन सिंह पर भरोसा

नीतीश कुमार ने ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर पार्टी को लव कुश के दायरे से बढ़ाकर अब सोशल इंजीनियरिंग पर भरोसा जताया है. ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपकर नीतीश कुमार ने इसके साफ संकेत दिए हैं. राजनीति के जानकार कहते हैं कि वर्तमान अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह सीएम नीतीश के स्वजातीय कुर्मी बिरादरी के थे. यही कारण है कि जदयू में सोशल इंजीनियरिंग जातीय व सामाजिक समीकरण के लिहाज से ललन सिंह को यह जिम्मेवारी दी गई है.जातीय समीकरण के मुताबिक जदयू में सवर्ण चेहरे के रुप में ललन सिंह देखे जाएंगे. वही, नीतीश कुमार के ऊपर लव-कुश को लगातार बढावा देने का भी आरोप खत्म हो जाएगा. अभी तक आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार कुर्मी जाति से है वही, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और उपेंद्र कुशवाहा कोइरी जाति से है. ऐसे में कुल मिलाकर जदयू में लव-कुश का ही बोलबाला था. अब ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद सवर्ण की एंट्री हुई है.

ललन सिंह बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं

ललन सिंह बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. फिलहाल मुंगेर से जदयू के सांसद हैं. जेडीयू के 18 साल के इतिहास में ललन सिंह पहले सवर्ण अध्यक्ष हैं. इससे पहले तीनों अध्यक्ष ओबीसी से थे और माना जा रहा है कि सवर्ण जाति के ललन सिंह का अध्यक्ष पद पर चुनाव सामजिक समीकरण को साधने के लिए किया गया है. 30 अक्टूबर, 2003 को जदयू की स्थापना हुई थी. अब तक पार्टी के 3 अध्यक्ष रह चुके हैं और ललन सिंह चौथे अध्यक्ष हैं. जेडीयू के पहले अध्यक्ष शरद यादव थे जो कि 2004 से 2016 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. शरद यादव के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू के अध्यक्ष बने और नीतीश कुमार के बाद आरसीपी सिंह को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था.

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