आरक्षण प्रावधान पर जब भी आया संकट, भाजपा ही ने निभाई संकटमोचक की भूमिका संवाददाता,पटना बिहार भाजपा उपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डाॅ भीम सिंह ने लालू-तेजस्वी द्वारा भाजपा पर आरक्षण विरोधी होने के आरोप को सच्चाई से कोसों दूर बताया है. साथ ही पिछड़ी जातियों की आंखो में धूल झोंक कर वोट लेने का प्रयास मात्र बतलाया है. उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि अत्यंत पिछड़ी जातियों के सबसे बड़े विरोधी लालू प्रसाद ही रहे हैं. उन्होंने बिहार में भी मंडल कमीशन लागू करने की आड़ में कर्पूरी फॉर्मूला के तहत प्राप्त अत्यंत पिछड़ी जातियों का अलग आरक्षण कोटा को समाप्त करने का प्रयास किया था, पर मेरे नेतृत्व में उनके उस प्रयास के विरोध में हुए आंदोलन के कारण वे वैसा नहीं कर पाये थे. भाजपा सांसद डाॅ सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद कर्पूरी फॉर्मूला, जिसके तहत पिछड़ी तथा अत्यंत पिछड़ी जातियों का आरक्षण कोटा अलग-अलग निर्धारित किया गया है, के सदैव विरोधी रहे हैं. वे निजी बातचीत में अत्यंत पिछड़ी जातियों तथा उनके नेताओं का सदैव उपहास उड़ाते रहते हैं. उनका प्रिय कलाम है- ””अत्यंत पिछड़ा किस चिड़ियां का नाम है””. डाॅ सिंह ने कहा कि दूसरी ओर इस बात के कम से कम आधा दर्जन उदाहरण हैं कि जब-जब एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण प्रावधान पर संकट आया, भाजपा ने संकटमोचक की भूमिका निभायी है.
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