संवाददाता,पटना जदयू के प्रदेश प्रवक्ता हिमराज राम एवं अंजुम आरा ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजद पर जोरदार हमला बोला. प्रवक्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 2004 की यूपीए सरकार में जब राजद निर्णायक भूमिका में था, तब तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद ने कभी बिहार के हितों की चिंता नहीं की. 2004 में कांग्रेस को मात्र 145 सीटें मिली थीं और राजद को 24 सीटें, लिहाजा बिना राजद के सहयोग से यूपीए की सरकार चलाना मुश्किल था. इस सूरत-ए-हाल में राजद द्वारा विशेष दर्जे की मांग को इनकार करने का साहस कांग्रेस के पास नहीं था. साथ ही राजद जातीय जनगणना का भी दबाव यूपीए सरकार पर बना सकता था. राजद को बिहार से 24 सीटें मिलने के बावजूद भी विशेष दर्जा की मांग को ठंडे बस्ते में डालकर लालू प्रसाद गृह मंत्रालय के मांग पर अड़े रहे. प्रवक्ताओं ने कहा कि यूपीए-1 में बिहार से 12 मंत्री केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा थे. इतने सशक्त और निर्णायक भूमिका होने के बाद भी बिहार के सरोकारों से जुड़े विषयों पर जोरदार तरीके से आवाज नहीं उठाया गया. यूपीए की तत्कालीन सरकार में लालू प्रसाद आइआरसीटीसी की विशेष सहायता प्राप्त कर अपने नाबालिग बेटों को करोड़पति बनाने में व्यस्त रहे. कहा कि 2008 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लालू प्रसाद ने यूपीए सरकार को अपनी शर्त पर समर्थन दिया था. जबकि उन्हें विशेष राज्य के दर्जे की मांग करनी चाहिए थी.जब लेफ्ट फ्रंट ने यूपीए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था उसके बाद यूपीए सरकार बड़ी मुश्किल से निर्दलीय सांसदों की मदद से बच पायी थी. उस समय अगर राजद बिहार के लिए विशेष दर्जा मांगता तो यूपीए सरकार मना करने का हिम्मत नहीं करती.
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