राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के शागिर्द रहे पूर्व विधायक भोला यादव को बुधवार की सुबह सीबीआइ ने नयी दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया. 2004-09 के दौरान लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्व काल में भोला यादव के बतौर ओएसडी रेलवे में जमीन के बदले नियुक्ति मामले में दर्ज केस में उनकी गिरफ्तारी हुई है.
सीबीआइ ने भोला यादव के साथ पटना के राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन पर तैनात गोपालगंज जिले के निवासी और रेल कर्मी हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को सीबीआइ ने नयी दिल्ली कोर्ट में पेश किया, जहां सीबीआई ने इनकी 10 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने दोनों को दो अगस्त तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है.
IRCTC में गड़बड़ी, रेलवे के विभिन्न जोन में बिना रिक्तियां जारी किये ही नौकरी दिये जाने के मामले में सीबीआइ ने भोला यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था. जहां उन्हें पहले हिरासत में लिया गया और बाद में आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया. भोला यादव लालू-राबड़ी परिवार के सबसे खास माने जाते रहे हैं. 2004 में जब लालू प्रसाद रेल मंत्री बने तो उन्हें आधिकारिक तौर पर रेल मंत्री का ओएसडी नियुक्त किया गया था. सीबीआइ ने आधिकारिक तौर पर भोला यादव और दूसरे रेल कर्मी हृदयानंद चौधरी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
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इसके पहले 19 मई को सीबीआइ ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी , उनकी दो पुत्री समेत पंद्रह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की थी. इस मामले में 20 मई को लालू-राबड़ी के पटना, दिल्ली और गोपालगंज आवास समेत 16 जगहों पर छापेमारी भी हुई थी. लालू परिवार पर रेल मंत्री के रूप में अवैध लाभ लेते हुए संपत्ति बनाने, जमीन लेकर रेलवे की मुंबई, हाजीपुर, जबलपुर, कोलकाता और जयपुर बोर्ड में नौकरियां देने का आरोप है. इसके बदले में लालू परिवार को कई संपत्ति गिफ्ट के रूप में दिये गये.