लालू प्रसाद में न्याय मिटाने और बेनामी संपत्ति बनाने का जुनून अब भी कायम : सुशील मोदी
पटना : बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर लालू प्रसाद यादव पर हमला बोला है. साथ ही तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर भी उन्होंने ट्वीट कर सवाल उठाये हैं. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने विधानसभा चुनाव तक महागठबंधन के एकजुट रहने को लेकर भी सवाल उठाये हैं.
पटना : बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर लालू प्रसाद यादव पर हमला बोला है. साथ ही तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर भी उन्होंने ट्वीट कर सवाल उठाये हैं. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने विधानसभा चुनाव तक महागठबंधन के एकजुट रहने को लेकर भी सवाल उठाये हैं.
उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ”लालू प्रसाद को जन्मदिन की बधाई देनेवाले राजद समर्थक ‘न्याय प्रेमियों’ को बताना चाहिए कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य शहाबुद्दीन कैसे न्यायप्रिय थे कि वे तिहरे हत्याकांड में सजायाफ्ता होकर तिहाड़ जेल पहुंच गये? 2016 में छात्रा से बलात्कार के मामले में तत्कालीन विधायक राजबल्लभ यादव को बचाने की कोशिश कौन-सी न्यायप्रियता थी? अब ऐसे ही मामले में फरार विधायक अरुण यादव को छिपाने में लगी पार्टी खुद को आदती न्याय विरोधी साबित कर रही है. लालू प्रसाद का खत उनके आचरण पर झूठ का रेशमी पर्दा डालनेवाला है. उनमें अन्याय मिटाने का नहीं, जमीन लिखवाने और बेनामी संपत्ति बनाने का जुनून कायम है.”
लालू प्रसाद को जन्मदिन की बधाई देने वाले राजद समर्थक " न्याय प्रमियों" को बताना चाहिए कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य शहाबुद्दीन कैसे न्यायप्रिय थे कि वे तिहरे हत्याकांड में सजायाफ्ता होकर तिहाड़ जेल पहुँच गए?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 12, 2020
2016 में छात्रा से बलात्कार के मामले में……… pic.twitter.com/E3KKeFqMiE
वहीं, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा है कि ”पुत्र मोह में राजनीतिक संन्यास तोड़ कर लालू चालीसा पढ़नेवाले एक समाजवादी ने दबी जबान से स्वीकार कर लिया कि राजद की पहचान तेजस्वी प्रसाद यादव से नहीं है. महागठबंधन के दूसरे घटक भी तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार करने में अपनी असहजता जाहिर करते रहे हैं. विधानसभा चुनाव के समय तक महागठबंधन एकजुट नहीं रह पायेगा.”
पुत्र मोह में राजनीतिक संन्यास तोड़कर लालू चालीसा पढ़ने वाले एक समाजवादी ने दबी जबान से स्वीकार कर लिया कि राजद की पहचान तेजस्वी प्रसाद यादव से नहीं है।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 12, 2020
महागठबंधन के दूसरे घटक भी तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार करने में अपनी असहजता जाहिर करते रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के समय…. pic.twitter.com/qrJX60zTHI