पटना : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि वे अपने राज में बेजुबान पशुओं को चारा खिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये खुद डकार गए और सड़कों को बदहाल छोड़कर उनके मंत्री ने अलकतरा घोटाला किया, इसलिए उन्हें भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस वाली एनडीए सरकार के विकास, रोजगार, राहत, हरियाली मिशन और आपदा प्रबंधन जैसे हर काम में केवल भ्रष्टाचार दिखता है. राजद अनियमितता के जिन कथित 55 मामलों की हवाई बात करता है, उनमें से किसी मामले में उसने ठोस सबूत के साथ सीबीआई,आयकर, ईडी या अदालत में कोई मामला क्यों नहीं दायर किया.
लालू-राबड़ी राज परिवार को दूसरों पर अंगुली उठाने से पहले माल, मिट्टी, जमीन और रेलवे के होटल घोटाले का बिंदुवार जवाब देना चाहिए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के सीनियर नेताओं के लिए यह दौर महाभारत के भीष्म, द्रोणाचार्य और विदुर की तरह अत्यंत घुटन भरा है. वे जिन कौरव कुमारों को सत्ता में बैठाना चाहते हैं, उनकी बुद्धि इतनी है कि कोई अर्थव्यवस्था, आत्मनिर्भरता, आर्थिक पैकेज का मजाक उड़ाता है, तो कोई सोशल मीडिया पर बयानबाजी को जनसेवा समझता है.
राजद के राजकुमार को कौन बताये कि मजदूरों की डीपी लगाकर खुद को श्रमिक हितैषी साबित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में 46 एसी वाले सरकारी बंगले के लिए जो सुप्रीम कोर्ट तक मुकदमा लड़ने चले गए, वे 50 दिनों तक बिहार से बाहर रहने के बावजूद मजदूरों मसीहा दिखना चाहते हैं.
उन्होंने न प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए एक हजार बसें भेजीं, न 50 ट्रेनों का किराया चुकाया और न ही घर लौटे मजदूरों के लिए 50 क्वरंटाइन सेंटर चलवाने की पेशकश की. वे केवल सरकार की राहत सामग्री में कमी दिखाते हैं या कोरोना योद्धाओं के बल पर चलने वाले क्वरंटाइन सेंटर की व्यवस्था में कोई सुराख खोजते हैं. ऐसी नकारात्मकता से भरे लोग महागठबंधन का नेतृत्व हाइजैक करने पर तुले हैं.