संसद के ऊपरी सदन में भाजपा के राज्यसभा सांसद केजे अल्फोंस ने एक ऐसा बिल पेश कर दिया, जिससे हंगामा मच गया. बीजेपी सांसद ने भारतीय संविधान के प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ शब्द को हटाने की मांग कर दी. जिसका विरोध राजद सांसद मनोज झा ने जमकर किया और अब राजद सुप्रीमो लालू यादव और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लेकर केंद्र के मोदी सरकार पर हमला बोला है.
राज्यसभा में भाजपा सांसद केजे अल्फोंस ने एक प्राइवेट बिल पेश किया. उनकी मांग थी कि संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ शब्द को हटा दिया जाए. यह प्रस्ताव सामने आया तो राजद सांसद मनोज झा ने इसका विरोध किया. उन्होंने उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह से अनुरोध किया कि इस बिल पर किसी भी तरह की चर्चा भी नहीं की जाए. संविधान के प्रस्तावना से खिलवाड़ उचित नहीं है. उपसभापति ने सदन की राय ध्वनि मत से जाननी चाही. विपक्षी दलों के तरफ से ‘नो’ की आवाज ज्यादा आने के बाद इसे रिजर्व रख लिया गया.
वहीं इस बिल को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने सरकार पर हमला बोला है. आरजेडी सुप्रीमो ने भाजपा, आरएसएस और जदयू पर निशाना साधा और कहा कि इनके लिए संविधान मज़ाक, संविधान की प्रस्तावना में निहित शब्द सॉवरेन, सेक्युलर, सोशलिस्ट, डेमोक्रेटिक इत्यादि मखौल, संवैधानिक प्रक्रियाएं खेल और संसद खिलौना है.ये चुपके-चुपके बड़ी धूर्तता से संविधान की प्रस्तावना यानी उसकी आत्मा को ही बदल रहे थे. लालू यादव ने इसे शर्मनाक बताया.
BJP, RSS और उसकी पिछलग्गू JDU के लिए संविधान मज़ाक, संविधान की प्रस्तावना में निहित शब्द सॉवरेन सेक्युलर सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक इत्यादि मखौल, संवैधानिक प्रक्रियाएँ खेल और संसद खिलौना है।
ये चुपके-चुपके बड़ी धूर्तता से संविधान की प्रस्तावना यानी उसकी आत्मा को ही बदल रहे थे।शर्मनाक! https://t.co/RyAKCKaiq8
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 5, 2021
बता दें कि इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट किया है. और लिखा कि – ”केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा संविधान बदलने की एक चोरी कल संसद में पकड़ी गयी जब इन्होंने संविधान की प्रस्तावना जिसे इसकी आत्मा कहा जाता है उसमें से ‘समाजवादी’ शब्द को हटाने का संविधान संशोधन विधेयक पेश किया लेकिन हमारे सजग और सतर्क सदस्यों ने कड़ा विरोध कर इस विधेयक को वापस कराया.”
Published By: Thakur Shaktilochan