VIDEO: जब बिहार में आडवाणी-लालू के बीच हुई थी सीधी टक्कर, लालू ने गांधी मैदान से किया था यह ऐलान, नहीं माने आडवाणी और फिर….

आज बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन है. लालू प्रसाद आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं. हाल में ही जेल से रिहा होने के बाद लालू यादव अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित आवास पर हैं. इस दौरान उनके परिवार के सदस्य उनके साथ रहे और केक काटकर लालू यादव का जन्मदिन मनाया. अपने नेता के जन्मदिवस की खुशी में बिहार में उनके समर्थक और कार्यकर्ताओं ने भी जश्न मनाया. लालू यादव आज भी बिहार की राजनीति में एक बड़ा कद रखते हैं. आज केंद्र व राज्यों में भाजपा के बढ़ते कदम के बीच समर्थक उन दिनों को याद करते हैं जब लालू यादव ने आडवाणी के रथ यात्रा को रोका था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2021 12:11 PM
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आज बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन है. लालू प्रसाद आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं. हाल में ही जेल से रिहा होने के बाद लालू यादव अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित आवास पर हैं. इस दौरान उनके परिवार के सदस्य उनके साथ रहे और केक काटकर लालू यादव का जन्मदिन मनाया. अपने नेता के जन्मदिवस की खुशी में बिहार में उनके समर्थक और कार्यकर्ताओं ने भी जश्न मनाया. लालू यादव आज भी बिहार की राजनीति में एक बड़ा कद रखते हैं. आज केंद्र व राज्यों में भाजपा के बढ़ते कदम के बीच समर्थक उन दिनों को याद करते हैं जब लालू यादव ने आडवाणी के रथ यात्रा को रोका था.

मार्च 1990 में लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री बने और उसी साल सितंबर में लालकृष्ण आडवाणी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर रथ यात्रा पर निकले. लालू यादव इस रथ यात्रा के खिलाफ थे. उन्होंने आडवाणी को इसके लिए निवेदन किया कि वो रथ यात्रा नहीं करें लेकिन आडवाणी नहीं माने थे. गुजरात के सोमनाथ मंदिर में पूजा कर आडवाणी ने इस रथ यात्रा की शुरुआत की थी. उन दिनों आडवाणी ने देश में एक अलग ही माहौल बना दिया था और अखबार के पन्नों पर केवल रथ यात्रा की ही झलक दिखती थी.

आडवाणी 19 अक्टूबर को बिहार के धनबाद के लिए रवाना हो गए जहां से उन्होंने रथयात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी. वहीं बिहार के मुखिया लालू प्रसाद यादव अलग तैयारी में लगे हुए थे.वो इस रथ यात्रा के विरोध में सक्रिय हो चुके थे. उन्होंने 21 अक्टूबर 1990 को पटना के गांधी मैदान में सांप्रदायिकता विरोधी रैली की. जिसमें आडवाणी और उनके दल पर जमकर निशाना साधा.

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गांधी मैदान में खचाखच भरी भीड़ के बीच लालू यादव ने जब कहा कि मैं इस मंच के माध्यम से आडवाणी जी को अपील करता हूँ कि वो इस रथ यात्रा को रोक दें. वो वापस दिल्ली चले जाएं. लालू यादव ने अपने अंदाज में कहा था कि जब देश में इंसान ही नहीं रहेगा तो मंदिर में घंटी कौन बजाएगा, मस्जिद में इबादत कौन करेगा. लालू ने कहा कि हम 24 घंटे अलर्ट पर हैं. आडवाणी जी को सारी सुविधा दे दी है लेकिन मेरे सामने दूसरा सवाल भी है.

लालू ने कहा कि एक प्रधानमंत्री और नेता के जान की जितनी कीमत है उतनी ही एक आम आदमी के जान की भी कीमत है. उन्होंने कहा था कि हम अपने राज में दंगा फसाद को नहीं फैलने देंगे. राज रहे या राज चला जाए, हम इसपर कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं हैं. बता दें कि आडवाणी ने यह सलाह नहीं मानी थी और अपने संबोधन में कहा कि इस रथ को कौन रोक लेगा. किस सरकार की हिम्मत है. बीच में मत पड़ो. मंदिर वहीं बनाएंगे. और फिर लालू यादव ने आडवाणी को गिरफ्तार करा लिया था.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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