राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए मुश्किलें तो बढ़ ही गयी हैं लेकिन सोमवार का दिना आरजेडी प्रमुख व उनके परिवारजनों के साथ-साथ समर्थकों के लिए भी बेहद अहम है. डोरंडा कोषागार से अवैध तरीके से रकम निकासी मामले में दोषी ठहराये गये लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत में सजा का एलान होगा. लालू यादव चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में भी दोषी करार दिये गये हैं.
लालू यादव पर आइपीसी की धारा 120-बी और भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून-1998 की धाराओं 13(2) RW (1) (सी), (डी) के अंतर्गत आरोप तय किए गए थे. सोमवार को लालू यादव को सजा सुनाई जाएगी. राजद सुप्रीमो को कितने सालों की सजा हो सकती है इसे लेकर भी अभी अलग-अलग तरह की चर्चाएं है. पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रमोद कुमार ठाकुर ने इस मामले को लेकर अहम बिंदुओं की तरफ ध्यान दिलाया है.
अधिवक्ता प्रमोद कुमार ठाकुर बताते हैं कि लालू प्रसाद पर जिन धाराओं के साथ दोष साबित हुआ है वो करप्शन से जुड़ा है. अदालत की नजर में लालू यादव अपराधिक साजिश का हिस्सा रहे हैं. अदालत ने माना है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव इस अवैध निकासी की साजिश में भागीदार रहे. बिहार का वित्त विभाग उस समय लालू यादव के ही पास रहा जिस समय ये षड्यंत्र रचा गया और सरकारी खजाने की लूट की गयी.
अधिवक्ता ठाकुर बताते हैं कि लालू प्रसाद यादव का दोष संज्ञेय मामले में आता है और इसमें 7 साल की सजा का एलान हो सकता है. बताया कि इसी घोटाले से जुड़े पुर्व के मामले में भी लालू प्रसाद को 7 साल की सजा हुई है. वहीं पूर्व के 4 मामले में अलग-अलग सजा सुनाई गयी है. बताया कि इस मामले में बेल मिलने की संभावना ना के बराबर है इसलिए लालू यादव को जेल ही जाना होगा. हालांकि ये सजा व अन्य पहलूओं के ऊपर निर्भर करता है. बता दें कि लालू यादव को रांची में मंगलवार को दोषी करार दिये जाने के बाद सीधे होटवार जेल भेजा गया था.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan