चारा घोटाला से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी केस में राजद सुप्रीमो लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने 5 साल जेल व 60 लाख रुपये जुर्माना की सजा दी है. पूर्व निर्धारित समय पर आरसी47ए/96 के अभियुक्तों को सजा सुनाने के लिए वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद खामोश रहे. मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार उनका ब्लड प्रेशर बढ़ा रहा. सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से कम-से-कम सजा देने की अपील की गयी. इसके लिए उनकी बीमारी और लंबे समय से चल रहे ट्रायल और जेल में बितायी गयी अवधि को आधार बनाया गया.
सजा सुनाये जाने के दौरान जज एसके शशि ने कहा कि ट्रायल के दौरान दोनाें पक्षों की बहस सुनने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि इस मामले का ट्रायल काफी दिन तक चला. सभी अभियुक्तों की उम्र 70 से ऊपर है. आपूर्तिकर्ता अभियुक्तों की ओर से बताया गया कि उन पर कम रुपये गबन करने का आरोप है. किसकी क्या भूमिका है, किसने प्राप्ति हस्ताक्षर बनाये हैं. खासकर आपूर्तिकर्ता अभियुक्तों द्वारा कितनी राशि का गबन किया गया है, इसका ध्यान रख कर सजा दी गयी है.
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राजद सुप्रीमो के वकील ने सजा में रियायत के लिए अदालत के सामने कई अलग-अलग दलीलें सामने रखी. इसमें लालू यादव के सेहत को बड़ा विषय बनाया. कहा कि लालू प्रसाद का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. वह कई बीमारियों से ग्रसित हैं. उन्हें कम-से-कम सजा दी जाये.
लालू यादव समेत अन्य दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए सीबीआई के लिए प्रयासरत रहे. कहा कि केस का ट्रायल काफी लंबा चला है. यह बड़ा घोटाला है, समाज देखना चाहता है कि ऐसे घोटालेबाज को क्या सजा होती है. घोटालेबाजों को अधिक-से-अधिक सजा होनी चाहिए.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan