Lalu Yadav : लालू यादव पटना से दिल्ली के लिए हुए रवाना, सिंगापुर जाने की है चर्चा
Lalu Yadav : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का सिंगापुर में उनका रूटीन चेकअप होना है. रोहिणी आचार्य भी अभी सिंगापुर में ही हैं. हालांकि इस पर परिवार के लोगों की तरफ से कोई सूचना नहीं आई है, लेकिन यह माना जा रहा है कि कुछ लंबे समय तक लालू प्रसाद यादव बिहार से बाहर रह सकते हैं.
Lalu Yadav: पटना. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गए. उनके साथ उनकी पत्नी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी साथ में गई हैं. लालू प्रसाद यादव कुछ दिनों तक दिल्ली में रहेंगे उसके बाद वह सिंगापुर जाने की चर्चा है. सिंगापुर में उनका रूटीन चेकअप होना है. रोहिणी आचार्य भी अभी सिंगापुर में ही हैं. हालांकि इस पर परिवार के लोगों की तरफ से कोई सूचना नहीं आई है, लेकिन यह माना जा रहा है कि कुछ लंबे समय तक लालू प्रसाद यादव बिहार से बाहर रह सकते हैं.
लालू प्रसाद यादव की तबीयत में है काफी सुधार
लालू प्रसाद यादव की तबीयत नार्मल है, वह स्वस्थ हैं, लेकिन सिंगापुर में डॉक्टर ने कितनी ट्रांसप्लांट करने के समय एक रूटीन चेकअप के लिए कहा था. ऐसे में संभावना बन रही है कि लालू यादव सिंगापुर जाएंगे. अनंत अंबानी की शादी में मुंबई की यात्रा को छोड़ दें तो लालू यादव पिछले कई महीनों से पटना में ही थे. बीच-बीच में वह लोगों से मिलते भी रहे हैं. लोकसभा चुनाव में वह रोहिणी आचार्य के लिए चुनाव प्रचार में भी निकले थे. कई बार वह अपने विशेष वाहन से पटना या अन्य जगहों का भ्रमण भी करते रहे हैं. बीते 2 दिन पूर्व 15 अगस्त को अपने विशेष वाहन से पटना की सड़कों पर सैर करने निकले थे और आयकर गोलंबर के पास फल की खरीदारी भी किए थे.
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सिंगापुर में हुआ था किडनी ट्रांसप्लांट
लालू यादव की बेटी रोहिणी अचार्य ने सिंगापुर में अपने पिता को किडनी डोनेट किया था. दिसंबर 2022 में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था, जिसके बाद लालू यादव 11 फरवरी 2023 को भारत आ गए थे. लगभग 2 महीने तक दिल्ली में रहने के बाद वह पटना आए थे. बीच-बीच में वह दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन लगातार वह पटना में रहे हैं उनकी तबीयत में भी काफी सुधार हो चुकी है यही कारण है कि वह बिहार की राजनीति में वह अभी तक सक्रिय रूप से है. वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले पटना के गांधी मैदान में 3 मार्च को हुए विशाल रैली में भी आरजेडी सुप्रीमो भाग लिए थे और चुनावी सभा को भी संबोधन करते रहे हैं. अब बिहार में चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं ऐसे में माना जा रहा है कि इस चुनाव का सारा कार्यभार अकेले तेजस्वी यादव को ही देखना पड़ेगा.