पटना में गोवर्धन पूजा समारोह में मुख्य अतिथि बनकर आएंगे लालू यादव, भाजपा के यह नेता भी रहेंगे साथ…
पटना में आज गोवर्धन पूजा समारोह में मुख्य अतिथि बनकर लालू यादव आएंगे. आरजेडी सुप्रीमो पटना में गौ-पूजन करेंगे. जानिए किस कार्यक्रम में आ रहे हैं राजद प्रमुख...
पटना में आज गोवर्धन पूजा (govardhan puja 2024) के एक कार्यक्रम में राजद सुप्रीमो लालू यादव भी शिरकत करेंगे.मुख्य अतिथि के रूप में लालू यादव इस समारोह में हिस्सा लेंगे. बिहार विधान सभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए हैं. शुक्रवार को गोवर्धन पूजा समारोह को लेकर श्रीकृष्ण चेतना समिति की कार्यकारिणी की विशेष बैठक हुई. बैठक समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद यादव की अध्यक्षता में हुई.
लालू यादव और नंद किशोर यादव कार्यक्रम में लेंगे हिस्सा
श्रीकृष्ष्ण चेतना समिति वर्ष 1995 से लगातार गोवर्धन पूजा का आयोजन करता आ रहा है. इस वर्ष समिति 26वीं पूजा का आयोजन दो नवंबर को विद्यापति भवन में किया गया है. समारोह में इस बार अलग-अलग सेक्टर में विशिष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया जायेगा. समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद यादव ने बताया कि पूजा समारोह का उद्घाटन बिहार विधान सभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव करेंगे. मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद होंगे. कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना एंव गौ पूजन से होगा.
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कृष्ण, भजन और कृष्ण लीला प्रस्तुत करेंगे कलाकार
मौके पर वृंदावन के कलाकारों की ओर से कृष्ण, भजन और कृष्ण लीला प्रस्तुत करेंगे. बैठक में समिति के उपाध्यक्ष राजीव रंजन, अनिल यादव, डा. मोहित कुमार, महामंत्री डा. प्रत्युष कुमार, सचिव जितेंद्र कुमार सिंह, मुख्य व्यवस्थापक हिमांशु प्रकाश यादव, राहुल सिन्हा, प्रिंस कुमार, रंजीत यादव, मनीष राय, नवीन कुमार शत्रुधन यादव, विजय कुमार आदि शामिल थे.
क्या है गोवर्धन पूजा की मान्यता?
गौरतलब है कि गोवर्धन पूजा बिहार में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन की विशेष पूजा इस दिन होती है. इस त्योहार को लेकर मान्यता है कि इस दिन ही भगवान कृष्ण ने इंद्र भगवान को हराया था. देवराज इंद्र ने गेाकुल में काफी बारिश की थी. इस मूसलाधार बारिश की आफत में घिरे गोकुलवासियों की रक्षा श्रीकृष्ण ने की थी और गोवर्धन पर्वत को अपने हाथ की उंगली पर उठा लिया था. सभी गोकुलवासी इस पर्वत के नीचे आकर खुद को बारिश से सुरक्षित किए थे. यह दिन गोवर्धन पूजा के नाम से मनाया जाता है. इसे अन्नकूट पूजा भी कहते हैं.