लालू के पास सरकार गिराने का फॉर्मूला? उपचुनाव की वोटिंग से ठीक पहले आरजेडी सुप्रीमो का दावा, जानें मायने

शनिवार को बिहार उपचुनाव को लेकर मतदान होना है. वोटिंग की पूर्व संध्या राजद सुप्रीमो लालू यादव ने बड़ा दावा कर दिया है. राजद सुप्रीमो ने कहा है कि दोनों सीटों पर जीत के बाद वो सरकार गिरा देंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2021 7:41 PM
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बिहार में दो सीटों के लिए शनिवार को उपचुनाव होने जा रहा है. वोटिंग से ठीक पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बड़ा दावा कर दिया है. लालू यादव ने कहा है कि दोनों सीटों पर जीत मिलते ही वो बिहार में सरकार गिरा देंगे. उनके पास सरकार गिराने का फॉर्मूला तैयार है. आरजेडी सुप्रीमो के इस बयान के क्या मायने हो सकते हैं और इस दावे में कितनी हकीकत दिखती है..आइये जानते हैं…

बिहार उपचुनाव के दंगल का अब आखिरी काउंटडाउन चल रहा है. शनिवार सुबह से ही मतदाता कतारों में लगकर राजद और जदयू समेत सभी उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला करेंगे. वहीं राजद उम्मीदवार की जीत के लिए इस बार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी मैदान में उतर गये. लालू यादव लंबे समय के बाद कुछ दिनों पहले बिहार लौटे हैं. वहीं आरजेडी सुप्रीमो के बिहार आने से सूबे की सियासत गरमायी हुई है.

लालू यादव ने मतदान तिथि की पूर्व संध्या पर एक न्यूज चैनल को बयान दिया कि इस दो सीटों पर राजद की जीत तय है. और जीत होते ही वो सरकार गिरा देंगे. लालू यादव ने कहा कि उन्होंने सरकार गिराने का फॉमूला भी तैयार कर लिया है. वहीं अपनी चुनावी सभा में भी लालू यादव ने ये कहकर सियासत गरमा दी कि वो यहां सरकार के विसर्जन के लिए आए हैं.

हालांकि वर्तमान हालत को देखें तो ये दावे खोखले लगते हैं. एक तरफ कांग्रेस और राजद के बीच तलवार खींची हुई है और इस हाल में अगर दो सीटों पर जीत हो भी जाए तो सरकार बनाने के आंकड़े तब भी काफी दूर रह जाएंगे. दूसरी तरफ एक चर्चा जो संभावना बनकर सामने आती है वो है जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी का राजद के साथ जाना, जिसके बारे में अभी सोचना भी काफी जल्दबाजी होगी. मुकेश सहनी ने यहां तक कह दिया है कि वो डिप्टी सीएम बनने तक के लिए भी ये नहीं सोच सकते. वहीं जीतन राम मांझी चुनाव के दौरान भी लालू यादव पर हमलावर रहे हैं.

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सियासी मामलों के जानकारों का कहना है कि लालू यादव मतदान से ठीक पहले ऐसा बयान केवल अपने कार्यकर्ताओं में उर्जा भरने के लिए देते हैं. लालू यादव सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं. उन्हें पता है कि लालू यादव से उनके कार्यकर्ता काफी उम्मीद रखते हैं और अगर सरकार गिराने का वो दावा करेंगे तो कार्यकर्ता अपनी सारी ताकत वोटिंग के लिए झोंक देंगे.

हालांकि सियासत में कुछ भी तय कर लेना गलत है इसलिए किसी भी दावो को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता तो हल्के में भी लेना सही नहीं. दावा कितना सच और गलत साबित होगा, ये भविष्य के गर्त में ही रहेगा.

Published By: Thakur Shaktilochan

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