लॉकडाउन के बाद बिहार में बढ़े जमीन खरीद बिक्री के मामले, शुरु हुई थी ऑनलाइन प्रक्रिया
लॉकडाउन के बाद जब लगभग दस दिन पहले सूबे में ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू की गयी थी तब से अब तक पूरे राज्य भर से एक लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं
पटना : लॉकडाउन के बाद जब लगभग दस दिन पहले सूबे में ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू की गयी थी तब से अब तक पूरे राज्य भर से एक लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं. 12 जून से लेकर 22 जून के बीच कुल एक लाख तीन हजार एक सौ चार लोगों ने सभी अंचलों में जमीन दाखिल- खारिज के आवेदन दिये हैं. इस बात से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में जमीन खरीद-बेच के मामले फिर से बढ़ रहे हैं. गौरतलब है कि मार्च में लॉकडाउन शुरुआत होने से पहले ऑनलाइन दाखिल- खारिज के मामले 30 लाख 32 हजार एक सौ 92 थे, जो 12 जून से दोबारा शुरू होने के बाद अब 31 लाख 35 हजार दो सौ 96 पर पहुंच गये हैं.
वहीं, दूसरी तरफ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आंकड़ों की मानें, तो बीते वर्षों में जब से ऑनलाइन की प्रक्रिया की शुरुआत की गयी है तब से लेकर वर्तमान समय तक लगभग सात लाख 57 हजार नौ सौ 44 मामले ऐसे हैं, जिनका निबटारा नहीं किया जा सका है, वो लंबित चल रहे हैं. विभाग का दावा है कि अब तक सभी आवेदन के मामलों में से 23 लाख 77 हजार चार सौ 45 मामलों को निबटाया जा चुका है, लेकिन इसमें वास्तविक स्थिति ऐसी है कि सभी आवेदनों में से मात्र 15 लाख 52 हजार नौ सौ 44 मामलों के मामलों में ही दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी की गयी है, जबकि आठ लाख 24 हजार पांच सौ एक मामले रिजेक्ट हो चुके हैं. इसके अलावा शेष सभी मामले लंबित पड़े हुए हैं.
पटना में सबसे अधिक लंबित मामले
पटना जिले में सबसे अधिक अब तक दो लाख 17 हजार एक सौ 82 दाखिल-खारिज के आवेदन हैं. इनमें एक लाख 11 हजार सात सौ तीन मामलों को निबटाया गया है,जबकि एक लाख पांच हजार चार सौ 79 मामले लंबित हैं. उसी प्रकार सबसे अधिक जिलों में पूर्वी चंपारण में एक लाख 75 हजार सात सौ तीन मामलों में से 96 हजार तीन सौ 85 मामले लंबित हैं. मधुबनी में एक लाख 37 हजार पांच सौ 69 मामलों में से 70 हजार सात सौ 16 मामले लंबित हैं. मुजफ्फरपुर में कुल एक लाख 39 हजार तीन सौ तीन मामलों में से 73 हजार चार सौ 38 और सीतामढ़ी के एक लाख 54 हजार 77 मामलों में से 95 हजार एक सौ 25 दाखिल-खारिज के मामले लंबित हैं.
कर्मचारी लटका रहे हैं मामले
आवेदनों को लटकाने व देरी करने में सबसे अधिक सुस्ती राजस्व कर्मचारी की है़ आंकड़े बताते हैं कि कुल लंबित मामलों में एक लाख 90 हजार चार सौ 73 मामले केवल राजस्व कर्मचारी स्तर पर लटके हुए हैं. इसके अलावा अंचलाधिकारी स्तर पर 52 हजार एक सौ 39 मामले, राजस्व निरीक्षक के स्तर से 40 हजार तीन सौ 12, ऑपरेटर स्तर से 14 हजार छह सौ एक और सहायक स्तर से नौ सौ छह मामले लंबित हैं.