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Bihar Land Survey: आपके इलाके में जमीन सर्वे का क्या है अपडेट, इस एप से मिलेगी जानकारी

बिहार के ग्रामीण इलाकों में शुरू हुए सर्वेक्षण को लेकर कई लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. जैसे सर्वे में क्या चल रहा है या सर्वे से जुड़ी कोई समस्या हो तो किससे बात करें. इन सभी समस्याओं का समाधान राजस्व विभाग के सर्वे ट्रैकर एप पर मिलेगा.

By Anand Shekhar | September 6, 2024 4:49 PM

Bihar Land Survey: बिहार के करीब 45 हजार राजस्व गांवों में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है. सर्वेक्षण की अद्यतन स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक विशेष ऐप (Bihar Survey Tracker) विकसित किया है. इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. संबंधित पंचायतों के अमीन और कानूनगो का मोबाइल नंबर भी इस ऐप में उपलब्ध है. जिनसे सीधे बात कर सर्वे से जुड़ी समस्या का समाधान भी पाया जा सकता है.

ट्रैकर एप की विशेषताएं

इस एप के माध्यम से नागरिक घर बैठे अपने जमीन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इस एप पर जिला, अंचल और ग्राम पंचायत का विवरण डालने के बाद आप जमीन का पूरा ब्योरा जैसे मौजा, खेसरा, खाता एवं प्लॉट संख्या और रकबा की जानकारी देख सकेंगे. साथ ही सर्वे की स्थिति की जानकारी भी इस एप के माध्यम से जान सकते हैं. इस पर अमीन और कानूनगो का फोन नंबर उपलब्ध होने से समस्याओं का समाधान भी आसान हो गया है.

सर्वे के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

जिनके जमीन के दस्तावेज दादा या परदादा के अलावा किसी और के नाम पर हैं जिनका निधन हो चुका है, ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के सभी उत्तराधिकारियों का नाम सर्वे में शामिल किया जाएगा. इसके लिए पंचायत के ग्राम सभा द्वारा पारित वंशावली प्रस्तुत करनी होगी. वंशावली पर सभी वारिसों का हस्ताक्षर होना चाहिए.

यदि किसी जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है तो दस्तावेज के मुताबिक, सभी मौजूदा जमीन मालिकों के नाम सर्वे में शामिल किए जाएंगे. जमीन सर्वे के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपनी जमीन से जुड़े कुछ दस्तावेजी सबूत देने होंगे, जिससे यह साबित हो कि जमीन उसकी है. यह जमीन का लगान खतियान, रसीद, म्यूटेशन या जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा कोई दूसरा सरकारी दस्तावेज हो सकता है.

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सर्वे से क्या होगा फायदा

इस सर्वे के बाद जमीन से जुड़ी जानकारी पारदर्शी होगी, जिस वजह से जमीन से जुड़े विवादों में कमी आएगी. जमीन के सही रिकार्ड उपलब्ध होने की वजह से विकास कार्य आसानी से हो सकेंगे.

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