राहत : सर्वे में खो जाने वाले कागजातों के पंद्रह विकल्प : मंत्री थाने में 37 प्रतिशत से अधिक मामले जमीन से जुड़े दर्ज हैं संवाददाता, पटना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डाॅ दिलीप जायसवाल ने बुधवार को विधान परिषद में कहा कि जमीन सर्वे मामले में लोगों के जो कागजात नहीं मिल रहे होंगे, सरकार ने उसके लिए पंद्रह तरह के विकल्प दिये हैं. कागजात उपलब्ध कराने के बाद ही सर्वे का काम पूरा होगा. आम लाेगों को कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए सरकार कृत संकल्पित है. प्रो संजय कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री का निर्देश है कि सर्वे बेहतर ढंग से हो कि भविष्य में लोगों को परेशानी नहीं है. इस कारण जमीन के संबंध में 15 तरह की पहचान को मान्यता दी गयी है. इससे वैसे लोगों को राहत मिलेगी,जो वर्षों से कहीं और रह रहे हैं और उनके पास कुछेक कागजात नहीं है. विभाग द्वारा तीन महीने तक लोगों को समय दिया गया है कि वह जमीन संबंधित कागज विभाग को उपलब्ध करा दे. सर्वे में किसी भी व्यक्ति को परेशानी नहीं हो. इस मामले में विभाग की पूरी निगरानी है. मंत्री ने सदन को बताया कि जमीन के मामले काफी विवादित हैं. थाने में 37 प्रतिशत से अधिक मामले जमीन से जुड़े दर्ज हैं. सर्वे होने से पुलिस और अदालत का समय बचेगा. बंगाल और ओडिसा में सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है. बिहार में 47 लाख परिवार ने खुद ही जमीन के कागज विभाग को उपलब्ध करा दिया है, जल्द ही उनके कागजात को अपडेट भी किया जायेगा. मंत्री ने सदन में सभी सदस्यों से कहा कि अगर किसी के संबंध में अगर कोई शिकायत आप अपने पैड पर लिखकर देंगे कि कोई काम के बदले पैसा मांग रहा है, तो उसकी जांच करके 72 घंटों के भीतर उस पर कार्रवाई की जायेगी.
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