Bihar Panchayat Chunav 2021 की घोषणा के साथ राजनीतिक दलों की बढ़ी चहल कदमी

Bihar Panchayat Election 2021: बिहार में पंचायत चुनाव 2021 की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों की चहल कदमी बढ़ गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2021 6:43 PM

पटना. बिहार में पंचायत चुनाव 2021 (Bihar Panchayat Election 2021) की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों की चहल कदमी बढ़ गई है. हालांकि, पंचायत चुनाव में किसी भी राजनीतिक दलों का झंडा, बैनर और पोस्टर लगाना मना है. लेकिन, राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यह चुनाव बिहार में आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी के भविष्य को तय करेगी. इसके परिणाम काफी हद तक बिहार की राजनीति को भी साफ कर देगा. यही कारण है कि इस चुनाव की चर्चा अब चौक-चौराहों से लेकर गांव की पगडंडियों तक हो रही है.

राजनीतिक दलों की बढ़ी चहलकदमी

राज्य में बीजेपी, जेडीयू और वीआईपी का गठबंधन है तो दूसरी तरफ महागठबंधन (Mahagathbandhan)में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां शामिल हैं. वहीं, एलजेपी के दोनों धड़ों की स्थिति फिलहाल साफ नजर नहीं आ रही है. चुनाव से पहले इस बात की चर्चा तेज है कि इस चुनाव में क्या जातिवाद का मुद्दा छाया रहेगा? ऐसे में सवाल उठता है कि 24 सितंबर से 12 दिसंबर तक 11 चरणों में होने वाले चुनाव में किस गठबंधन के उम्मीदवारों का पलड़ा भारी पड़ेगा? जानकार कहते हैं कि आरजेडी और जेडीयू में इस मौके को भुनाने में लगी है. वैसे पंचायत चुनाव में भी वंशवाद का दबदबा रहा है. लेकिन, इस दफा विधायकों, सांसदों और पूर्व सांसदों के बेटे-बेटियों और बहूओं को टिकट देने की पुरानी परंपरा टूटती नहीं नजर आ रही है.

ओबीसी आरक्षण और जातिगत जनगणना का मुद्दा उठेगा?

इस चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मामला और जातिगत जनगणना का मामला भी तूल पकड़ सकता है. बताते चलें कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री से मिलने वाले इस प्रतिनिधि मंडल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी होंगे. जबकि, जातिगत जनगणना पर बीजेपी की अलग है. बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान ये दोनों मुद्दे धुरी का काम करेंगी, क्योंकि उत्तरप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है और योगी आदित्यनाथ ने ओबीसी आरक्षण के तहत कई जातियों को इसमें शामिल कर दिया है. इसलिए ये राजनीतिक दलों के लिए किसी पोलिटिकल टूल्स से कम साबित नहीं होगा.

Next Article

Exit mobile version