पटना में नौकरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे BTSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, ‘नौकरी या इच्छा मृत्यु’ की कर रहे मांग

बिहार के विभिन्न जिलों से BTSC अभ्यर्थी वीरचंद पटेल पथ स्थित JDU और RJD के दफ्तरों का घेराव करने की कोशिश कर रहे थे. तभी पुलिस ने आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को रोक दिया. अभ्यर्थियों को संघ भवन के पास ही रोका गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2023 2:36 PM

बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर नौकरी के लिए प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस की लाठी खानी पड़ी है. पटना में बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) के अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे, इसी दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया है. अभ्यर्थी सरकार द्वारा किए गया नौकरी के वादे के पूरा नहीं होने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है.

JDU-RJD दफ्तर का घेराव 

बिहार के विभिन्न जिलों से BTSC अभ्यर्थी वीरचंद पटेल पथ स्थित JDU और RJD के दफ्तरों का घेराव करने की कोशिश कर रहे थे. तभी पुलिस ने आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को रोक दिया. अभ्यर्थियों को संघ भवन के पास ही रोका गया. इस दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच नोक झोंक हुई और पुलिस ने बल का प्रयोग भी किया. अभ्यर्थियों का कहना था की वादा करने के बाद भी राज्य के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने बहाली नहीं की है. इससे पहले 30 जनवरी को भी अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था और उस दौरान भी पुलिस ने लाठीचार्ज कर अभ्यर्थियों को खदेड़ दिया था.

इच्छा मृत्यु की कर रहे मांग 

परीक्षा देने के बाद रिजल्ट का प्रकाशन किया गया, लेकिन बाद में यह कहकर रिजल्ट वापस ले लिया गया कि उसमें संसोधन करना है. संसोधन के नाम पर रिजल्ट को वापस ले लिया गया, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद रिजल्ट का फिर से प्रकाशन नहीं हुआ है. पिछले चार साल से अभ्यर्थी रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. रिजल्ट का प्रकाशन नहीं होने से गुस्साएं अभ्यार्थियों ने सरकार से मांग कर रहे हैं कि रिजल्ट का प्रकाशन कर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी की जाए या उन्हें इच्छा मृत्यु दे दिया जाए.

क्या है मामला 

अभ्यर्थियों का कहना है कि साल 2019 की वैकेंसी है. परीक्षा देने के चार साल बाद भी रिजल्ट नहीं आ सका है. इसके बाद से जितनी भी बहालियां आईं सभी की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. लेकिन अब तक तकनीकी सेवा आयोग के कनीय अभियंता की बहाली नहीं हो सकी. अभ्यर्थियों का कहना है कि अब तक आयोग के कई सचिव और अध्यक्ष बदल गए. लेकिन बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है.

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