पश्चिम बंगाल के वकील ने सुशील मोदी को दी थी जान से मारने की धमकी, जानें क्या थी पत्र भेजने की वजह

भाजपा सांसद सुशील मोदी को पिछले महीने एक धमकी भरा पत्र मिला था. इस पत्र में धमकी देने वाले का नाम टीएमसी नेता चंपा सोम दिया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना पुलिस की एक टीम वर्धमान गयी और जांच की तो पता चला कि चंपा कोर्ट में लॉ क्लर्क है और उसे ठीक से लिखना भी नहीं आता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2022 6:35 PM

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को पत्र भेज कर जान से मारने की धमकी देने वाले वकील सुदिप्तो कुमार राय को शनिवार को पश्चिम बंगाल पुलिस ने पटना लाया और सिविल कोर्ट में पेश किया. पेशी के बाद उसे बेऊर जेल भेज दिया गया. अब कदमकुआं थाने की पुलिस अपने केश में उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. यह इसके पहले आसनसोल जेल में बंद था.

पटना पुलिस ने वारंट के लिए दिया था आवेदन 

बताया जाता है कि भाजपा सांसद सुशील मोदी को धमकी देने के मामले में इसकी संलिप्तता सामने आने के बाद पटना पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट के लिए आवेदन दिया था. सुदिप्तो कुमार वर्धमान के बरोनलीपुर का रहने वाला है. मामले में कदमकुआं थानाध्यक्ष विमलेंदू ने बताया कि उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी.

20 सितंबर को मिला था पत्र 

बता दें कि स्पीड पोस्ट से एक धमकी भरा पत्र सुशील कुमार मोदी को 20 सितंबर को आया था और फिर कदमकुआं थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पत्र में धमकी देने वाले का नाम टीएमसी नेता चंपा सोम दिया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना पुलिस की एक टीम वर्धमान गयी और जांच की तो पता चला कि चंपा कोर्ट में लॉ क्लर्क है. और, उसे ठीक से लिखना तक नहीं आता है, बल्कि हस्ताक्षर भी मुश्किल से बांग्ला में करती हैं.

चम्पा को फंसाने के लिए भेजा था पत्र 

पुलिस ने जब मामले की आगे जांच की तो यह जानकारी मिली की सुदिप्ताे ने चंपा को फंसाने के लिए भाजपा सांसद को धमकी भरा पत्र भेजा था. इसी दौरान पुलिस को एक और कोर्ट के क्लर्क अस्मत शेख से जानकारी मिली कि कोर्ट के बड़ा बाबू बप्पा चटर्जी काे भी फंसाने के लिए सुदिप्तो ने मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक को धमकी भरा पत्र भेज कर जेल उड़ाने की धमकी दी थी और इसी मामले में वह जेल में बंद है. मामला पूरी तरह स्पष्ट होने के बाद आसनसोल में बंद सुदिप्तो को कदमकुआं थाना पुलिस ने अपने केस में आरोपित बनाया और आगे की कानूनी कार्रवाई की.

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