शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार अब और सख्त कदम उठाने जा रही है. शराब माफियों पर शिकंजा कसने के लिए अब नये-नये तरकीबों को राज्य में लागू किया जा रहा है. विधानसभा के चालू बजट सत्र में यह मुद्दा जोर-शोर से उछल रहा है. अब सूबे में जिस मकान से शराब की खेप पकड़ी जायेगी उस मकान को पुलिस थाने में तब्दील कर दिया जायेगा.
बता दें कि बिहार में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. राजधानी पटना में कुछ ही दिनों पहले ऐसा किया गया है. एक गोदाम से भारी मात्रा में शराब की खेप बरामद की गई थी. जिसके बाद कानूनी कार्रवाई करते हुए उस गोदाम में बाईपास थाना खोल दिया गया. सरकार अब किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है.
शराब माफियों पर शिकंजा मजबूत करने के लिए अब बिहार सरकार ने उनकी संपत्ति को भी जब्त करने का फैसला लिया है.जिसके बाद उसे नीलाम किया जायेगा. शराब माफियाओं पर मुकदमा दर्ज कर अब स्पीडी ट्रायल भी चलाया जायेगा. बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए सरकार ये कदम उठा रही है.
विधानसभा में भी शराबबंदी का मामला लगातार गूंज रहा है. जहां एक तरफ विपक्ष इस मामले पर लगातार सरकार पर हमलावर है वहीं सत्ता पक्ष भी अपने कड़े इरादों का उदाहरण पेश कर इसका बचाव कर रही है. सरकार की ओर से मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को सदन में कहा कि गोपालगंज शराब कांड में हुई फांसी की सजा इस काले धंधे में लिप्त शराब कारोबारियों के लिए एक कड़ा संदेश है.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए 186 पुलिस कर्मियों व आठ उत्पाद कर्मियों को बर्खास्त किया गया है जो केवल बिहार में ही आजतक हुआ है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी केवल एक्ट ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दृढ इच्छाशक्ति भी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan